टीचर ने दहेज लेने से किया इनकार, अंगूठी की जगह ससुराल से लिए 1001 फलदार पेड़
आजकल शादी में जहां एक ओर कई धनाड्य लोग अपने बेटे की शादी में हीरे, जवाहरत और नगदी की डिमांड करते हैं तो वहीं दूसरी ओर ऐसे भी लोग हैं जो दहेज के सख्त हैं। ऐसा ही एक मामला ओडिशा के केन्द्रपाड़ा जिले में देखने को मिला। केन्द्रपाड़ा जिले के एक स्कूल शिक्षक सरोज कांत बिसवाल ने दहेज लेने से इंकार कर दिया और वधू पक्ष ने शादी के लिये उनकी अनूठी मांग को मानते हुए 1001 फलदार पेड़ों के कलम उन्हें भेंट स्वरूप प्रदान किये। दूल्हा सरोज कांत बिस्वाल का कहना है कि उन्हें बचपन से ही प्रकृति से प्रेम है। बिस्वाल ने कहा , मैं शादी में दहेज के खिलाफ रहा हूं। इसके अलावा मैं बचपन से प्रकृति प्रेमी हूं। इसलिए मैंने फलदार पेड़ों के 1001 कलम लेने पर जोर दिया। इस तरह शनिवार को विवाह हो गया। दुल्हन के गांव के रहने वाले रंजन प्रधान ने बताया कि बिलकुल सादगी से विवाह संपन्न हुआ।
विवाह में बैंड – बाजा या पटाखों का कोई इस्तेमाल नहीं हुआ। यह शादी 22 जून को आयोजित की गई थी। बता दें कि बिसवाल ने अपने ससुराल वालों से यह शर्त रखी थी कि वह दजेह की बजाए फलों के पेड़ों के सैंपल उन्हें गिफ्ट करेंगे। लिहाजा बाद में ठीक वैसा ही हुआ जैसा कि शिक्षक ने अपने ससुराल वालों से कहा था। इस दौरान 33 साल के शिक्षक बिसवाल के ससुराल वाले शादी के मंडल के बाहर तरह-तरह के फलों की वैरायटी वाले पेड लाए।
हालांकि केन्द्रपाड़ा के शिक्षक जैसे और भी कई लोग ऐसे हैं जो अपनी बहुओं के मायसे से किसी तरह के दहेज की मांग नहीं करते हैं। वहीं दूसरी ओर समाज एक तबका ऐसा भी है जो दहेज की खातिर अपनी बहुओं की हत्या तक कर देते हैं। गौरतलब है कि आए दिन ही दहेज उत्पीड़न जैसे मामले सुनने को मिलते हैं। ऐसे में केंद्रपाड़ा के शिक्षक से मांग करने वाले लोगों को सीख लेनी चाहिए। जो दहेज के खिलाफ होकर समाज को एक नया आयना दिखाते हैं साथ ही प्रकृति प्रेमी होकर पर्यावरण को भी बढ़ावा देते हैं।