टी 20 वर्ल्ड कप में हार के बाद पाकिस्तान क्रिकेट में घमासान, पीसीबी की ‘सर्जरी’ पर क्या है विवाद,

पाकिस्तान क्रिकेट टीम इस समय एक ऐसे नाज़ुक मोड़ से गुजर रही है जिससे आम तौर पर हर वर्ल्ड कप के बाद टीम और क्रिकेट बोर्ड को गुज़रना पड़ता है.

इस बार इसे पीसीबी यानी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन नक़वी (जिनके पास गृह मंत्रालय भी है) ने ‘सर्जरी’ का नाम दिया है. इस सर्जरी के पहले दो शिकार अब्दुल रज़्ज़ाक़ और वहाब रियाज़ बने, जिन्हें अपने पदों से हटा दिया गया है.

दोनों ही पूर्व खिलाड़ियों के पास क्रिकेट बोर्ड में दोहरे पद थे. अब्दुल रज़्ज़ाक़ मर्दों और औरतों- दोनों टीमों की सेलेक्शन कमेटी के सदस्य थे जबकि वहाब रियाज़ सेलेक्शन कमेटी के सदस्य होने के अलावा टीम के सीनियर मैनेजर के पद पर भी थे.

इसकी घोषणा होने के कुछ घंटे बाद ही वर्ल्ड कप में ख़राब प्रदर्शन पर कोचों की ओर से दी गई रिपोर्ट के आधार पर कथित जानकारी मीडिया चैनेल्स पर सामने आने लगी. इसमें कुछ इधर-उधर की बातें हैं जिन्हें यहां दोबारा नहीं बताया जा रहा लेकिन उस कथित जानकारी में विशेष कर तेज़ गेंदबाज़ शाहीन आफ़रीदी को निशाना बनाया गया है.

पीसीबी ने एक दिन से चल रही उन खबरों के बारे में अब तक कोई खंडन जारी नहीं किया और पीसीबी के प्रवक्ता समीउल हसन बर्नी ने इस बारे में अपना पक्ष देने से इनकार कर दिया.

पिछले 24 घंटे के दौरान पाकिस्तान क्रिकेट में जो भूचाल आया है, आने वाले दिनों में कुछ और बदलावों, बयानों और अंदर की ख़बरों के कारण वह और तेज़ हो सकता है.

लेकिन अब तक पीसीबी के अध्यक्ष मोहसिन नक़वी की ओर से इस बारे में कोई औपचारिक प्रेस कॉन्फ़्रेंस नहीं की गई है.

सात सदस्यों वाली सेलेक्शन कमिटी, जिसमें कोच और कप्तान बाबर आज़म भी शामिल थे, में से केवल वहाब रियाज़ और अब्दुल रज़्ज़ाक़ को पद से क्यों हटाया गया?

और क्या केवल कुछ लोगों को बदल देने से पाकिस्तान क्रिकेट टीम और ढांचे में सुधार आ सकता है?

मोहसिन नक़वी की ओर से वहाब रियाज़ को पद से हटाने को विशेष कर ‘लोकप्रिय फ़ैसले’ के तौर पर देखा जा रहा है और उनको पद से हटाकर यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि उनके नज़दीकी लोग भी जवाबदेही से बच नहीं सकते.

इस बारे में बीबीसी से बात करते हुए पीसीबी के एक अधिकारी ने, जो उन फ़ैसलों की वजह जानते हैं, पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया, “जांच में ये बात सामने आई है कि वहाब रियाज़ और अब्दुल रज़्ज़ाक़ जिन खिलाड़ियों को शामिल करने पर ज़ोर दे रहे थे, सेलेक्शन कमेटी के दूसरे सदस्य उन खिलाड़ियों की जगह दूसरे खिलाड़ियों को लाना चाहते थे. उनकी ओर से लगातार दबाव के बाद सेलेक्शन कमेटी के दूसरे सदस्य चुप हो गए.”

“इससे दोनों सेलेक्टर्स की विशेष खिलाड़ियों और विशेष तौर पर एक खिलाड़ी की तरफ़दारी का संकेत मिला और उन खिलाड़ियों ने वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया.”

इस अधिकारी के अनुसार, वहाब रियाज़ बतौर सीनियर टीम मैनेजर टीम में अनुशासन बनाए रखने में नाकाम रहे.

“जिस तरह की कहानियां वर्ल्ड कप में सामने आती रहीं, उनकी बाद स्वतंत्र जांच भी करवाई गई और उनसे यह मालूम हुआ कि सीनियर मैनेजर वहाब रियाज़ उन मामलों में कोई कार्रवाई करने में कामयाब नहीं हो सके.”

बीबीसी ने इन दावों के बारे में वहाब रियाज़ से उनका पक्ष जानना चाहा लेकिन उनकी ओर से अब तक कोई भी जवाब नहीं मिल सका.

ध्यान रहे कि वहाब रियाज़ के अलावा टीम मैनेजर मंसूर राना को भी पद से हटा दिया गया है. वहाब रियाज़ और अब्दुल रज़्ज़ाक़ की ओर से सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया में अपने ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों के बारे में बयान जारी किए गए हैं.