टी20 टीम से बाहर होंगे धोनी? लक्ष्मण, अगारकर के बाद सौरव गांगुली ने दिया बड़ा बयान
महेंद्र सिंह धोनी के टी20 कॅरियर को लेकर बयान देने वालों में पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का नाम भी जुड़ गया है। ‘दादा’ ने कहा कि अगर धोनी के प्रदर्शन में सुधार नहीं दिखता तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को उनका विकल्प खोजना शुरू कर देना चाहिए। न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टी20 में अपेक्षाकृत धीमी बल्लेबाजी को लेकर धोनी पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण और अजित अगारकर के निशाने पर आए थे। अब इंडिया टुडे से बातचीत में सौरव ने कहा कि टीम मैनेजमेंट को धोनी से बैठकर बात करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि धोनी को सुधार के लिए पर्याप्त मौका मिलना चाहिए। गांगुली ने कहा, ”धोनी ट्वेंटी20 क्रिकेट में बड़ा नाम है इसलिए कोई फैसला लेने से पहले, मुझे लगता है कि उन्हें एक बार सुधार का पर्याप्त मौका दिया जाना चाहिए। उन्हें (टीम) 2019 आईसीसी वर्ल्ड कप के बारे में भी सोचना होगा और अगर धोनी आने वाले भविष्य में सुधार नहीं करते तो उन्हें दूसरे विकल्पों की तरफ देखना होगा।”
बुधवार को टीम के कप्तान विराट कोहली ने प्रतिक्रिया देते हुए धोनी का समर्थन किया। कोहली ने कहा, “पहले, तो मुझे यह समझ नहीं आ रहा है कि लोग उन पर उंगली क्यों उठा रहे हैं? मैं इस बात को समझ नहीं पा रहा हूं।” कोहली ने कहा, “अगर मैं तीन बार अपनी क्षमता को साबित करने में असफल रहता हूं, तो कोई भी मुझ पर उंगली नहीं उठाएगा, क्योंकि मैं 35 साल का नहीं हूं। वह (धौनी) फिट हैं और उन्होंने सारे फिटनेस टेस्ट पास किए हैं। वह हर संभव तरीके से टीम के लिए योगदान दे रहे हैं। फिर चाहे रणनीतिक तौर पर हो या बल्लेबाजी से। अगर आप श्रीलंका और आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई सीरीज को देखें, तो उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया था।”
कोहली ने कहा कि लोग लगातार एक ही इंसान पर निशाना साधते जा रहे हैं, जो सही नहीं है। धौनी टीम में अपनी भूमिका और खेल को बेहतर तरीके से जानते हैं। हालांकि, जरूरी नहीं हैं कि वह हर बार बेहतर प्रदर्शन कर पाएं। दिल्ली के टी-20 मैच में उन्होंने आते ही जो छक्का मारा था, उसे मैच के बाद कई बार दिखाया गया। हर कोई खुश था और अब अचानक से अगर वह एक मैच में अच्छा स्कोर नहीं कर पा रहे हैं, तो सभी उनके पीछे ही पड़ गए हैं।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि लोगों को थोड़ा धैर्य रखना चाहिए। धौनी एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जो क्रिकेट के हर प्रारूप की समझ रखते हैं। वह एक समझदार इंसान हैं। वह हर प्रारूप में अपनी भूमिका को अच्छे से पहचानते हैं। इसलिए, मुझे नहीं लगता कि किसी और को उनके जीवन का फैसला लेने का हक है।”