टेस्ट क्रिकेट में शानदार डेब्यू करने वाले पृथ्वी शॉ को वनडे टीम में फिर नहीं मिली जगह
नई दिल्ली: वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतिम तीन वनडे के लिए टीम इंडिया की घोषणा के साथ ही यह तय हो गया है कि पृथ्वी शॉ को वनडे क्रिकेट में डेब्यू के लिए और इंतजार करना होगा. बीसीसीआई ने गुरुवार को 15 सदस्यीय टीम की घोषणा की. इसमें पहले दो वनडे मैचों के लिए टीम में शामिल रहे मोहम्मद शमी को जगह नहीं मिली है. जबकि, भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह की वापसी हुई है.
18 साल के पृथ्वी शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पहले मैच में 4 अक्टूबर को डेब्यू किया था. उन्होंने अपने पहले ही मैच में शतक बनाया. फिर अगले मैच में भी अर्धशतक बनाया. उनके स्ट्रोक प्ले को देखकर वीवीएस लक्ष्मण ने उनकी तुलना वीरेंद्र सहवाग से की. जबकि, कई क्रिकेटरों ने कहा कि उनकी शैली सचिन तेंदुलकर के करीब है. यानी, पृथ्वी ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनमें आक्रामकता के साथ-साथ धैयै भी है.
माना जा रहा था कि टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन करने वाले पृथ्वी शॉ को वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे में भी डेब्यू करने का मौका मिल सकता है. उन्हें बतौर ओपनर आजमाया जा सकता है. पृथ्वी शॉ के पक्ष में एक बात यह है कि वे आक्रामक होते हुए भी जोखिम नहीं लेते. लेकिन, यही वो बात है, जो उनके लिए मिडिल ऑर्डर के दरवाजे भी खोलती है. मिडिल ऑर्डर टीम इंडिया की कमजोरी बनी हुई है. दो साल की लंबी खोज के बावजूद आज भी यह तय नहीं कि अगले वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के लिए नंबर-4 पर कौन बैटिंग करेगा. ऐसे मे शांतचित्त पृथ्वी को इस नंबर पर आजमाया जा सकता था.
टीम इंडिया की बात करें तो उसका टॉप ऑर्डर दुनिया में सबसे खतरनाक है. रोहित शर्मा और शिखर धवन दुनिया के सबसे सफल ओपनिंग जोड़ियों में से एक है. केएल राहुल टीम इंडिया के तीसरे ओपनर हैं और उनका प्रदर्शन भी ठीकठाक रहा है. तीसरे नंबर पर विराट कोहली का प्रदर्शन भी शानदार रहा है. लेकिन टीम का मिडिल ऑर्डर भरोसेमंद नहीं रहा है.
19 साल के पृथ्वी शॉ ने हाल ही में खेली गई विजय हजारे ट्रॉफी में लगातार चार अर्धशतक लगाए थे. इनमें एक शतक भी शामिल था. उन्होंने बड़ौदा के खिलाफ 34 और रेलवे के खिलाफ 36 गेंद और कर्नाटक के खिलाफ 41 गेंद पर फिफ्टी पूरी की थी. पृथ्वी ने इससे पहले इंग्लैंड दौरे पर भी इंडिया ए की ओर से शानदार प्रदर्शन किया था.