ट्राइ के नए कदम से घट सकती हैं कॉल दरें
दूरसंचार नियामक ट्राइ ने इंटरकनेक्शन उपयोग शुल्क (आइयूसी) को 14 पैसे से घटाकर छह पैसे प्रति मिनट कर दिया है। नियामक के इस कदम से काल दरें घटने की राह खुल सकती हंै। आइयूसी वह शुल्क होता है जो कोई दूरसंचार कंपनी अपने नेटवर्क से दूसरी कंपनी के नेटवर्क पर कॉल के लिए दूसरी कंपनी को देती है। ट्राइ ने कहा है कि छह पैसे प्रति मिनट का नया काल टर्मिनेशन शुल्क एक अक्तूबर 2017 से प्रभावी होगा और एक जनवरी 2020 से इसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा। नियामक ने अपने बयान में कहा है कि उसने यह फैसला भागीदारों बाकी पेज 8 पर उङ्मल्ल३्र४ी ३ङ्म स्रँी 8
से मिली राय के आधार पर किया है।
आइयूसी को लेकर हाल ही में खासा विवाद रहा है और इसमें कटौती का ट्राइ का फैसला भारती एयरटेल जैसी प्रमुख दूरसंचार कंपनियों के रुख के विपरीत है जो कि इसमें बढ़ोतरी की मांग कर रही थीं। भारती एयरटेल इस मुद्दे पर आइयूसी शुल्क को कम करने की मांग करने वाली रिलायंस जियो के साथ विवाद में भी फंसी है।एक अन्य कदम में नियामक ने दूरसंचार क्षेत्र में व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए एक परामर्श पत्र मंगलवार को जारी किया है। इस परिपत्र में समयबद्ध मंजूरियों, शुल्कों को युक्तिसंगत बनाए जाने व श्रेणीबद्ध जुर्माने का प्रस्ताव है।
नियामक के इस कदम का फायदा रिलायंस जियो को मिलने की उम्मीद है। वहीं मोबाइल कंपनियों के संगठन सीओएआइ ने इस फैसले को ‘अनर्थकारी’ करार देते हुए कहा है कि इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया जा सकता है। सीओएआइ के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, यह अनर्थकारी कदम है …ज्यादातर सदस्य कंपनियों ने संकेत दिया है कि वे संभवतया इस मामले में राहत के लिए अदालत की राह लेंगी। ट्राइ के पूर्व चेयरमैन राहुल खुल्लर ने भी मैथ्यूज के विचारों से सहमति जताई है। उन्होंने कहा, अगर आप टर्मिनेशन शुल्क घटाएंगे तो मुख्य लाभान्वित जियो होगी क्योंकि वही अन्य नेटवर्क पर भारी ट्रैफिक बोझ डाल रही है।