ट्रिपल तलाक के खिलाफ जंग लड़ने वाली इशरत जहान ने की पीएम मोदी की जमकर तारीफ

तीन तलाक के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाली मुस्लिम महिला इशरत जहां ने केंद्र सरकार द्वारा इस प्रथा के खिलाफ बिल लाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। न्यूज एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी की वजह से ही तीन तलाक के खिलाफ बिल लाया जा सका है। उन्होंने आगे कहा, ‘मोदी जी ने पीड़ितों के हक में क्रांतिकारी कानून बना दिया। मैं बहुत खुश हूं। मैं पार्टी की महिला शाखा में काम करूंगी।’ बता दें कि सुप्रीम कोर्ट तक तीन तलाक की लड़ाई ले जाने वाली पांच याचिकाकर्ताओं में से एक इशरत जहां शनिवार (30 दिसंबर) को पश्चिम बंगाल में भाजपा की महिला विंग में शामिल हो गईं।

हावड़ा के वार्ड नंबर 17 के भाजपा दफ्तर में महिला मोर्चा के नेताओं की अगुवाई में शामिल होने के बाद इशरत ने कहा कि इस पार्टी में शामिल होकर उन्हें अच्छा लग रहा है। पार्टी में शामिल होने के बाद भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष दुर्गावती सिंह ने इशरत जहां के हाथों में पार्टी का झंडा थमाया। बताया जा रहा है कि लोकसभा में तीन तलाक के खिलाफ मुस्लिम महिला (विवाह संरक्षण अधिनियम)-2017 विधेयक के पास होने के बाद इशरत ने भगवा पार्टी में शामिल होने का फैसला किया।

पश्चिम बंगाल महिला मोर्चा की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी ने इशरत जहां को मिठाई खिलाकर पार्टी में शामिल होने का स्वागत किया। इससे पहले इशरत ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की। चटर्जी ने कहा कि इशरत जहां आर्थिक तंगी से गुजर रही हैं। इसलिए वह केंद्र सरकार से गुजारिश करेंगी कि उन्हें नौकरी दी जाए। चटर्जी ने आरोप लगाया कि सूबे की ममता बनर्जी सरकार ने उन्हें कोई मदद नहीं दी।

बता दें कि तीन तलाक देने को अपराध के दायरे में लाने वाला कानून लोकसभा से पास हो गया है। इससे पहले गुरुवार (28 दिसंबर) को लोकसभा में इस बिल में कुछ संशोधनों को लेकर वोटिंग हुई थी। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी वोटिंग की मांग की थी लेकिन सदस्यों ने उनके संशोधनों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। एक संशोधन पर हुई वोटिंग में तो ओवैसी के पक्ष में सिर्फ 2 वोट पड़े।

जबकि, इसके खिलाफ 241 वोट पड़े। दूसरे प्रस्ताव में भी उनके पक्ष में सिर्फ 2 वोट पड़े। वहीं, 242 लोगों ने उनके प्रस्ताव के खिलाफ वोट दिया। हालांकि, इससे पहले उनके संशोधन के प्रस्ताव को लोकसभा के सदस्यों ने ध्वनि मत से खारिज कर दिया था। सदन में इससे पहले इस बिल पर विस्तृत चर्चा हुई।

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