ट्रेन में अतिरिक्त सामान पर 6 गुना तक जुर्माना लगाने का फैसला वापस, यह रही वजह

रेलवे ने सफर के दौरान अतिरिक्त सामान पर 6 गुना तक जुर्माना लगाने संबंधी 3 दशकों पुराना प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया है। सफर के दौरान अतिरिक्त सामान साथ में क्यों न लेकर चलें यात्री, यह समझाने के लिए रेलवे ने बीते एक जून से 6 दिवसीय अभियान भी चलाया था लेकिन व्यापाक तौर पर फैसले की हो रही आलोचना को देखते हुए कदम पीछे खींच लिया। पीटीआई के अनुसार सोशल मीडिया पर लोग मांग कर रहे थे कि रेलवे अतिरिक्त सामान पर जुर्माना संबंधी अपना प्रस्ताव वापस ले। रेल मंत्रालय के प्रवक्ता राजेश बाजपेयी ने पीटीआई को बताया कि इस अभियान का मतलब लोगों को केवल जागरूक करने से था कि कैसे उनके द्वारा अतिरिक्त सामान सफर में साथ लेकर चलना साथी यात्रियों के लिए असुविधाजनक होता है। बाजपेयी ने कहा, ”यह महसूस किया गया कि भयंकर गर्मी में सफर के दौरान यात्रियों के द्वारा साथ ले जाया जा रहा अतिरिक्त सामान साथी यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बन रहा है, इसलिए एक विशेष शिक्षा-सह-जागरूकता अभियान लॉन्च किया गया था।”

बाजपेयी ने बताया कि इस अभियान का मतलब यात्रियों को यह बताने से था कि मुफ्त सामान भत्ता संबंधी प्रावधान क्या हैं, ज्यादा से ज्यादा कितना सामान साथ ले जाया जा सकता है और इसके अन्य प्रावधान क्या हैं? रेलवे के निर्धारित मानदंडों के मुताबिक, एक सिलीपर क्लास और एक सेकेंड क्लास यात्री क्रमश: 40 और 35 किलोग्राम भार तक का सामान बिना कोई शुल्क चुकाए ले जा सकता है, इसी तरह वह अधिकतम सामान क्रमश: 80 किलोग्राम और 70 किलोग्राम पार्सल कार्यालय में भुगतान करके साथ में ले जा सकता है। नियम के मुताबिक, अतिरिक्त सामान को बैगेज वैन में रखना होता है।

इसी प्रकार फर्स्ट एसी क्लास में सफर करने वाला यात्री अपने साथ 70 किलोग्राम भार तक का सामान मुफ्त में ले जा सकता है जबकि ज्यादा से ज्यादा 150 किलोग्राम तक वह अपने साथ ले जा सकता है, इसके लिए उसे अतिरिक्त 80 किलोग्राम के लिए भुगतान करना होगा। एसी टू-टायर वाले यात्री 50 किलो मुफ्त में और 50 किलो अतिरिक्त सामान शुल्क देकर ले जा सकते हैं जबकि एसी 3-टायर स्लीपर/एसी चेयर कार वाले यात्री 40 किलो सामान मुफ्त में और अतिरिक्त 40 किलो के लिए रकम चुकाकर साथ में ले जा सकते हैं।

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