डीडीए ने निकाला 12 हजार फ्लैटों का ड्रॉ

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने गुरुवार को 12 हजार से ज्यादा फ्लैटों के लिए ड्रॉ निकाला। इन फ्लैट्स के लिए डीडीए को 46,000 से ज्यादा आवेदन मिले थे। विकास सदन में यह ड्रॉ प्रक्रिया पूरी हुई। डीडीए ने कुल 12,617 फ्लैटों को चार आय वर्ग श्रेणियों में बांटा है। कुल चार चरणों में पूरा किए गए लकी ड्रॉ के बाद सबसे पहला आवंटन दिव्यांग आवेदक नागेश्वर राव को द्वारका में (एचआइजी फ्लैट) किया गया। भूतल पर आरक्षित कोटे के तहत दिव्यांग अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी गई है। वहीं अनुसूचित जाति में पहला आवंटन प्रदीप कुमार को रोहिणी में एचआइजी फ्लैट मिला।

सामान्य वर्ग में सबसे पहला फ्लैट नेहा मेहता को द्वारका (एलआइजी फ्लैट) में मिला। लकी ड्रॉ रैंडम नंबर इंटीग्रेटेड सिस्टम पर आधारित था। हाई कोर्ट के पूर्व जज एसएन अग्रवाल ने बताया कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई है। पूरी कोशिश रही कि ड्रॉ की हर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया की सॉफ्ट और हार्ड कॉपी सुरक्षित रखी गई है।

डीडीए की आवास योजना प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ जुड़ी है। अगर कोई आवेदक प्रधानमंत्री आवास योजना के मानकों को पूरा करते हैं तो बैंक से ब्याज पर उन्हें डेढ़ से 2 लाख तक की छूट मिलेगी। सफल आवेदकों को आवंटन के लिए एक महीने का समय दिया गया है। और भुगतान के लिए तीन महीने का समय दिया गया है। अगर कोई आवेदक तीन महीने में भुगतान नहीं कर पाता है तो उसे 12 फीसद ब्याज के साथ 3 महीने का और वक्त दिया जाएगा और अगर 6 महीने में भी आवेदक भुगतान नहीं कर पाएंगे तो आवेदन रद्द कर दिया जाएगा।

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