डूबते किस्मत को संवारने के लिए जेल में बंद राम-रहीम ने लिया ‘नसीब’ का सहारा
पिछले 6 महीनों से जेल में बंद बलात्कारी बाबा राम रहीम के डेरे की कमान उसकी मां नसीब कौर ने संभाल ली है। 70 साल की नसीब कौर पर राम रहीम के डूबते साम्राज्य को पटरी पर लाने की जिम्मेदारी है। बता दें कि कभी लाखों भक्तों की आस्था का केन्द्र रहे डेरा सच्चा सौदा की आभा राम रहीम के जेल में जाने के बाद मद्धम पड़ रही थी। डेरा के भक्त अलग होते जा रहे थे। इस मुश्किल घड़ी में राम-रहीम को अपनी मां की याद आई। राम रहीम ने पूरे डेर संचालन की जिम्मेदारी अपनी मां को दे दी है। हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक राम रहीम अपने मां के जरिये लाखों करोड़ों के साम्राज्य पर नियंत्रण रखना चाहता है। इसलिए उसने अपनी मां को मोहरा बनाया है।
साध्वी से रेप का दोषी राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। अदालत ने उसे 20 साल की कैद की सजा सुनाई है। खबर है कि नसीब कौर हर हफ्ते राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के गुरसर मोडिया गांव स्थित अपने घर से कम से कम एक बार भक्तों से मिलने सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय आती है। पिछली बार जब वह डेरा पहुंची तो यहां का माहौल बदला-बदला था। महीनों बाद डेरे में रौनक देखने को मिली। सैकड़ों लोगों को बड़ी-बड़ी एलसीडी स्क्रीन पर राम रहीम का रिकॉर्डेड प्रवचन सुनाया गया। ब्लड कैंप का आयोजन किया गया। नवविवाहित डेरा में आशीर्वाद लेने पहुंचे।
बता दें कि राम रहीम ने नसीब कौर को 45 सदस्यों वाली कोर कमिटि का प्रभार दे दिया है। इस कोर कमेटी के दो बड़े सदस्य विपासना इंसा और प्रवक्ता डॉक्टर आदित्य इंसा पहले ही फरार हैं। नसीब कौर डेरे में राजमाता के नाम से जानी जाती है। डेरे में जब कोई भी विवाद होता है तो उसे सुलझाने के लिए नसीब कौर को आगे कर दिया जाता है। 29 अप्रैल को डेरे की स्थापना दिवस के मौके पर यहां बड़ा आयोजन हुआ। और इसकी पूरी कमान संभाली नसीब कौर ने। दरअसल डेरा समर्थकों में अभी भी राम रहीम के परिवार के प्रति आस्था है। इसी का फायदा उठाकर राम रहीम डेरे की करोड़ों की संपति पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहता है।