डोकलाम विवाद पर नरम हुआ चीन, करने लगा पीएम मोदी के नेतृत्व की तारीफ
नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के ब्रिक्स के लिए चीनी दौरे के बीच भारत को लेकर चीन के सुर थोड़े नरम नजर आ रहे हैं। चीन ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और विदेश निवेश के लिए आर्थिक नीति की तारीफ की है। इससे पहले चीन और भारत के बीच सिक्किम सीमा पर डोकलाम क्षेत्र को लेकर गतिरोध अब भी बना हुआ है। चीनी मीडिया लगातार भारतीय सेना को हटाने की धमकी दे रहा है।डोकलाम को लेकर जारी तनातनी और उकसावे भरे अपने बयानों के बीच चीन का चौकाने वाला बयान सामने आया है। मीडिया खबर मुताबिक, चीन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। चीन ने पीएम मोदी के नेतृत्व और भारत की ‘खुली विदेश आर्थिक नीति’ की बुधवार को प्रशंसा की है। डोकलाम को लेकर चल रहे विवाद के बीच चीन का यह बयान हैरान कर देने वाला है।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘भारत लगातार ही विदेशी निवेश आकर्षित कर रहा है, उसने निवेश के लिए सकारात्मक माहौल बनाया है और पिछले 2 वर्षों के दौरान दुनिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का सबसे बड़ा गंतव्य रहा है।’
इसके साथ ही इस लेख में कहा गया कि भारत चीन के साथ व्यापार सहयोग मजबूत कर रहा है और इस देश की खुली व्यापार नीति, मुक्त वैश्विक व्यापार बढ़ावा देने और संरक्षणवाद का मुकाबला करने में सक्षम है।
इसमें भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा गया कि मोदी के नेतृत्व में भारत एक सक्रिय विदेश नीति लागू कर रहा है। इसके साथ ही भारत की विदेशी निवेश नीति में सुधार आया है और घरेलु उद्यमों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उतरने का प्रोत्साहन भी मिला है। आगे कहा गया है कि विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर दोनों विकासशील राष्ट्रों का रुख एक समान है।
भारत सक्रिय रूप से विदेशी निवेश को आकर्षित कर रहा है, उसने अनुकूल निवेश वातावरण बनाया है और पिछले दो सालों से दुनिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए सबसे बड़ा स्थान रहा है।
भारत में चीनी राजदूत लुओ झाओहुई ने कहा, ‘भारत की वर्तमान सुधार और खुली नीतियां बहुत आकर्षक हैं, जो ‘मेड इन इंडिया’ रणनीतिक कार्यक्रम को आगे बढ़ाती हैं।
इसमें लिखा है कि ये दोनों विकासशील देशों का अंतरराष्ट्रीय अफेयर्स में समान नजरिया और पक्ष रखते हैं। उदाहरण के तौर पर भारत ने ग्रीन इकॉनोमी विकसित करने के लिए स्पष्ट प्रतिबद्धता जताई है और पेरिस जलवायु समझौते का चैंपियन रहा है।