तकनीक से जुड़कर और बढ़ेगी लाल किले की शान
ऐतिहासिक धरोहर का दर्जा रखने वाले दिल्ली के लाल किले का न केवल जीर्णोद्धार किया जा रहा है, बल्कि पर्यटकों के लिए यहां सुविधाएं भी बढ़ाई जा रही हैं। जल्द ही लोग लाल किले का टिकट बुक माई शो और यात्रा डॉट कॉम जैसी वेबसाइटों से बुक करवा सकेंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने लाल किले की टिकट की ऑनलाइन बुकिंग को बढ़ावा देने के लिए इन दो कंपनियों से समझौता किया है। इसके साथ ही लाल किले के पार्किंग क्षेत्र के निकट एक और बुकिंग केंद्र भी खोला जा रहा है ताकि टिकट के लिए लगने वाली लंबी कतारें छोटी हो सकें।
एएसआइ के दिल्ली मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ नवरत्न कुमार पाठक ने कहा कि ऑनलाइन या कैशलेस माध्यम से टिकट बुकिंग पर लोगों को छूट देने का भी प्रस्ताव है। अभी लाल किले के टिकट का दाम 30 रुपए है, जबकि 15 साल के कम उम्र वालों के लिए प्रवेश मुफ्त है। लाल किले में सप्ताहांत में लगभग 20-25 हजार पर्यटक आते हैं। ठंड के मौसम में यह संख्या और बढ़ जाती है। यह सारी भीड़ अभी लाहौरी गेट के पांच बुकिंग काउंटरों पर कतार लगाती है, जिससे व्यस्त अवधि में कतारें काफी लंबी हो जाती हैं। पाठक ने कहा कि नए बुकिंग काउंटर और ऑनलाइन सुविधा से पर्यटकों को लंबी कतारों से राहत मिलेगी। ऑनलाइन टिकट के लिए बुक माई शो और यात्रा डॉट कॉम के साथ समझौता किया गया है।
अन्य नागरिक सुविधाओं के तहत लाल किला परिसर में पेयजल के लिए आरओ और वॉटर कूलर लगाए जा रहे हैं। दो शौचालय खंड तैयार किए जा रहे हैं और बैठने के लिए एक ही रंग के बेंच बनाए जा रहे हैं ताकि लोग वहां से लाल किले के साथ अच्छी तस्वीरें भी खिंचवा सकें। दिव्यांगों के लिए रैंप को और सुविधाजनक बनाया जा रहा है और विभागीय प्रकाशनों को पर्यटकों को बेचने के लिए भी काउंटर बनाए जा रहे हैं।
संग्रहालय में भी होगा बदलाव
लाल किले के अंदर बने संग्रहालय में भी बड़ा बदलाव किया जा रहा है। इन्हें मुगलकालीन निर्माण से हटा कर ब्रिटिशकालीन भवनों में विस्थापित किया जा रहा है। एक कॉलोनियल भवन में भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी चीजें होंगी, दूसरे में पहले विश्व युद्ध में भारत की भागीदारी पर आधारित संग्रह होगा, तीसरे में सुभाष चंद्र बोस और उनकी सेना आइएनए से जुड़ी यादगार वस्तुओं को रखा जाएगा और चौथे कॉलोनियल भवन में लाल किले (मुमताज महल) में पुरातत्व से संबंधी संग्रहालय को विस्थापित किया जाएगा, मुमताज महल का यह संग्रहालय 100 साल पुराना है।
हटाया जा रहा है मलबा
2007 में लाल किले को विश्व धरोहर घोषित किए जाने के पहले यहां भारतीय सेना का कब्जा था। पुनरोद्धार के तहत छावनी काल के सभी निर्माण और मलबों को हटाया जा रहा है। इसके तहत 189 भवनों को तीन चरणों के दौरान ढहाया जा चुका है और चौथे व पांचवें चरण में 141 अन्य भवनों को ढहाया जाएगा। किले के सभी पुराने बिजली के कामों को नया किया जा रहा है। सीपीडब्लूडी की मदद से इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। इसी के तहत किले के सामने के हिस्से को रोशनी से सजाया जाएगा, जिससे रात के वक्त पूरा किला आकर्षक दिखे। एनबीसीसी के माध्यम से किए जा रहे इस काम के पहले चरण में लाहौरी गेट और दिल्ली गेट के बीच हिस्से को रोशन किया जाएगा, जिससे रात में लोगों को किला देखने का अलग अनुभव हो।
– किले के संग्रहालय में भी होगा बदलाव, खूबसूरती और सुविधाओं का हो रहा आधुनिकीकरण
– ढहाए जाएंगे छावनी काल के सभी निर्माण, किले को रोशनी से सजाने की भी चल रही तैयारी