तमिलनाडु: अलागिरी की नाराजगी दूर? बोले- पार्टी में लौटा तो स्टालिन को नेता स्वीकार करूंगा

द्रमुक से निष्कासित नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री अलागिरी ने गुरुवार को कहा कि अगर उन्हें पार्टी में दोबारा शामिल कर लिया जाता है तो वह अपने छोटे भाई और पार्टी अध्यक्ष एम.के.स्टालिन को ‘नेता’ के तौर पर स्वीकार कर लेंगे। अलागिरी ने इससे पहले सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह अपने पिता एम. करुणानिधि को छोड़कर किसी और को अपना नेता नहीं मान सकते। अलागिरी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए करुणानिधि ने द्रमुक से निष्कासित कर दिया था।यहां पत्रकारों से अलागिरी ने कहा कि द्रमुक का मौजूदा नेतृत्व (स्टालिन) उनके अनुरोध के बाद भी उन्हें द्रमुक में शामिल करना नहीं चाहता है। उन्होंने कहा कि पार्टी स्टालिन को द्रमुक अध्यक्ष के रूप में चुनने वाली जनरल कौंसिल तक ही सिमटी हुई नहीं है। पार्टी के वास्तविक कार्यकर्ता उनके साथ हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह स्टालिन के नेतृत्व को स्वीकार करेंगे, अलागिरी ने कहा, “अगर मुझे पार्टी में शामिल किया जाएगा, तो मैं ऐसा करूंगा। अलागिरी शक्ति प्रदर्शन के तहत एक रैली की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि 100,000 लोग भाग लेंगे। 27 अगस्त को अलागिरी ने मदुरै में चेतावनी दी थी कि अगर द्रमुक नेतृत्व उन्हें पार्टी में वापस नहीं लेगा तो उसे इसके ‘परिणाम भुगतने’ पड़ेंगे।

एम.के.स्टालिन को मंगलवार को पार्टी की जनरल काउंसिल की बैठक में निर्विरोध द्रमुक (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) का अध्यक्ष चुना गया। स्टालिन (65) द्रमुक के दूसरे अध्यक्ष हैं। यह पद उनके पिता व पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे एम.करुणानिधि के निधन से खाली हुआ था। उनके दिवंगत पिता एम.करुणानिधि पार्टी के अध्यक्ष के पद पर 49 सालों तक बने रहे। करुणानिधि का 7 अगस्त 2018 के निधन हो गया था। द्रमुक के महासचिव के.अंबाझगन ने कहा कि पार्टी के 1,307 अधिकारियों ने स्टालिन की उम्मीदवारी का समर्थन किया।
वरिष्ठ नेता दुराईमुरुगन को निर्विरोध पार्टी का कोषाध्यक्ष चुना गया।

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