तमिलनाडु: करुणानिधि के परिवार में लड़ाई बढ़ी, समाधि स्थल पर बड़े बेटे का शक्ति प्रदर्शन
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के परिवार में लड़ाई बढ़ गई है। उनके बड़े बेटे और डीएमके से निष्कासित नेता एम के अलागिरी चेन्नई के मरीना बीच स्थित करुणानिधि की समाधि स्थल पर आज (05 सितंबर) एक मौन रैली निकालने जा रहे हैं। इसे अलागिरी का शक्ति प्रदर्शन कहा जा रहा है, जो डीएमके के लिए खतरे की घंटी हो सकती है। अलागिरी के समर्थक सुबह से ही मरीना बीच की ओर मार्च करते हुए दिख रहे हैं। बता दें कि अलागिरी ने अपने छोटे भाई एम के स्टालिन के डीएमके अध्यक्ष बनने के बाद डीएमके में शामिल होने और उनका नेतृत्व स्वीकर करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन छोटे भाई ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। पिता की मौत के बाद अलागिरी यह दावा करते रहे हैं कि पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता उनके साथ हैं।
पिछले महीने सात अगस्त को करुणानिधि का निधन हो गया था। उस वक्त दोनों भाइयों को एकसाथ देखा गया था लेकिन जल्द ही राजनीतिक वर्चस्व को लेकर दोनों भाइयों के बीच ठन गई। अलागिरी ने छोटे भाई स्टालिन पर आरोप लगाया था कि वह पार्टी में उन्हें लौटने नहीं देना चाहते हैं और उस रास्ते में रोड़ा अटका रहे हैं। अलागिरी ने स्टालिन पर पार्टी के अहम पदों को बेचने का भी आरोप लगाया था। कुछ दिनों पहले उन्होंने धमकी दी थी कि अगर डीएमके में उन्हें वापस नहीं लिया गया तो पार्टी ‘अपनी ही कब्र खोदेगी।
अलागिरी यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं लेकिन 2014 में उन्हें पिता करुणानिधि ने डीएमके से बाहर निकाल दिया था। उस वक्त अलागिरी ने पिता के फैसलों पर सवाल उठाए थे और कहा था कि डीएमके एक मठ नहीं है, जहां महंथ अपना उत्तराधिकारी चुनेंगे। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में अलागिरी ने बीजेपी और नरेंद्र मोदी का भी समर्थन किया था। बीजेपी को समर्थन करना ही पार्टी से निष्कासन का उनका तात्कालिक कारण बना था। डीएमके से निष्कासित होने के बाद से अलागिरी सपरिवार मदुरै में रह रहे हैं।
Tamil Nadu: Visuals from M Karunanidhi’s memorial at Chennai’s Marina beach. Expelled DMK leader & M Karunanidhi’s son MK Alagiri will hold a rally at the memorial today. pic.twitter.com/M4pjPxTfWm
— ANI (@ANI) September 5, 2018