तमिलनाडु: दलित छात्रा से साफ कराया टॉयलेट, मां ने खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा
तमिलनाडु में एक महिला ने मद्रास हाईकोर्ट की मदुरई बैंच से दलित छात्रा से जबरन स्कूल का टॉयलेट साफ कराने के मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। कोर्ट में पीड़ित छात्रा की मां ने मांग की है उन्हें इसकी भरपाई के लिए उचित मुआवजा दिया जाए। आरोप है कि विरुधुनगर जिले के सरकारी स्कूल में प्रशासन ने याचिकाकर्ता की बेटी और अन्य छात्रों से स्कूल का टॉयलेट साफ कराया। कक्षा में सात में पढ़ रही पीड़ित छात्रा की मां विजयलक्ष्मी का यह भी आरोप है कि जिले के इनामरेड्डीपट्टी गांव में स्थित सरकारी स्कूल में एससी छात्र-छात्राओं के प्रति भेदभावपूर्व रवैया अपनाया जाता है। उन्होंने कहा कि स्कूल का संरक्षण स्टाफ, जो दलित नहीं हैं, ने सिर्फ उनकी बेटी को टॉयलेट साफ करने के लिए मजबूर किया बल्कि अन्य छात्रों को धमकी भी दी।
टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक स्कूल स्टाफ ने दलित छात्रा से सिर्फ स्टाफ टॉयलेट साफ नहीं कराया बल्कि वॉटर टैंक के अलावा शिक्षकों के टिफिन बॉक्स भी साफ करने के लिए मजबूर किया गया। इस साल फरवरी में घटना सामने आने के बाद गांव के निवासियों ने आरोपी स्टाफ का ट्रांसफर किए जाने की मांग की है।
हालांकि खबर लिखे जाने तक प्रदर्शनकारियों की मांग पर स्कूल ऑथोरिटी ने कोई जवाब नहीं दिया है। ना ही पीड़िता की तरफ से मुआवजे की मांग पर स्कूल प्रशासन ने अपना पक्ष रखा है। दूसरी तरफ याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस स्टेशन में गांववालों के ही खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। जिनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है उनमें महिलाएं भी शामिल हैं।