तमिलनाडु सीएम ने HEERA का किया विरोध, बोले- यूजीसी ही बेहतर, 100 फीसदी फंड तो मिलेगा
तमिलनाडु सरकार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की जगह हायर एजुकेशन रेग्यूलेशन एजेंसी (हीरा) के गठन को लेकर केंद्र सरकार की ओर से तैयार किए गए विधेयक के मसौदे का पुरजोर विरोध किया है और कहा है कि यूजीसी को प्रमुखता देने वाली मौजूदा व्यवस्था जारी रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘नियामक और वित्तीय शक्तियों से युक्त विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की मौजूदा संस्थागत व्यवस्था अच्छा काम कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार की राय है कि यूजीसी को खत्म करने और इसकी जगह सिर्फ नियामक शक्तियों से युक्त भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन की कोई जरूरत नहीं है।
पलानीस्वामी ने कहा कि यूजीसी द्वारा प्राप्त प्रस्तावों के तथ्यपरक मूल्यांकन और पारदर्शी तरीके से धन की मंजूरी देने के लिए उसके पास जरूरी क्षमता है। इसकी वित्तीय शक्तियां इस संस्था के लिए अतिरिक्त तंत्र है जिससे वह अपनी सिफारिशों पर अमल सुनिश्चित करती है। प्रस्तावित विधेयक के मसौदे में वित्तीय शक्तियां मानव संसाधन विकास मंत्रालय या किसी अन्य निकाय को सौंपने का प्रस्ताव है। केंद्र के इस कदम पर तमिलनाडु सरकार की ‘‘आपत्तियां और आशंकाएं’’ जाहिर करते हुए पलानीस्वामी ने कहा, ‘‘मेरिट के आधार पर विभिन्न मंत्रालयों द्वारा तमिलनाडु के लिए धन की मंजूरी के बाबत हमारे अनुभव बहुत सकारात्मक नहीं रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि मानव संसाधन विकास मंत्रालय वित्तीय शक्तियां अपने पास रख लेता है तो हमें आशंका है कि धन की मंजूरी की व्यवस्था बदल जाएगी और यह 100 फीसदी फंडिंग की बजाय 60:40 के अनुपात में भारत सरकार एवं राज्य सरकार में बंट जाएगा।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हीं कारणों से तमिलनाडु सरकार विधेयक के मसौदे का पुरजोर विरोध करती है।
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (UGC) और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) की जगह एक हायर एजुकेशन रेग्युलेटर बनाने जा रही है। इस रेग्युलेटर का नाम अभी हायर एजुकेशन एंपावरमेंट रेग्युलेशन एजेंसी (HEERA) रखा गया है। इसके लिए प्रस्तावित विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया गया है और उस पर राज्यों से सुझाव मांगे गए हैं। केंद्र सरकार का तर्क है कि यूजीसी और एआईसीटीई के विघटन और हीरा के बनने से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इंस्पेक्टर राज का खात्मा होगा।