ताजमहल को संगीत सोम ने बताया संस्कृति पर धब्बा, बीजेपी सचिव बोले, वास्तुकला का बेजोड़ नमूना
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद सरधना से भाजपा विधायक संगीत सोम ने दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताज महल पर विवादित बयान दिया है। संगीत सोम ने कहा है कि ताज महल भारतीय संस्कृति पर धब्बा है। रविवार (15 अक्टूबर) को सोम ने कहा कि ताज महल बनाने वाले मुगल शासक ने उत्तर प्रदेश और हिंदुस्तान से सभी हिंदुओं का सर्वनाश किया था। ऐसे शासकों और उनकी इमारतों का नाम अगर इतिहास में होगा तो वह बदला जाएगा लेकिन उनकी ही पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सरदार आर पी सिंह ने कहा है कि ताज महल न केवल देशी-विदेशी पर्यटकों का आकर्षण केंद्र है बल्कि वह मुगलकालीन स्थापत्य कला का एक जीता जागता और बेजोड़ नमूना है, जिसकी कद्र पूरी दुनिया करती है।
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सिंह ने कहा कि संगीत सोम जो कह रहे हैं वह उनका विचार है लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ताज महल दुनिया के सात अजूबों में शामिल है। साथ ही यह भी कि जिस शासक ने इसे अपनी बेगम की याद में इसे बनवाया वह क्रूर शासक था जिसने हिन्दुओं पर कई अत्याचार किए थे। बता दें कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने राज्य में ऐतिहासिक धरोहरों और स्थलों की एक पर्यटन सूची जारी की थी, जिसमें आगरा के ताज महल का नाम नहीं था। बाद में विवाद बढ़ने पर सफाई दी गई कि गलती से ताज महल का नाम छूट गया था।
इधर, समाजवादी पार्टी की नेता जूही सिंह ने ताज महल पर भाजपा द्वारा जानबूझकर विवाद पैदा किए जाने की आलोचना की है। उन्होंने कहा, “ताज महल पर बेवजह विवाद पैदा न करें।” उन्होंने कहा कि यह मत भूलें कि ताज महल बड़ी मात्रा में राजस्व संग्रह का एक साधन भी है।
गौरतलब है कि इस साल सबसे पहले योगी आदित्यनाथ ने ही ताज महल को भारतीय संस्कृति का हिस्सा मानने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि ताजमहल एक इमारत के सिवा कुछ नहीं है। बिहार के दरभंगा में 15 जून को एक जनसभा में उन्होंने कहा था कि देश में आने वाले विदेशी गणमान्य व्यक्ति ताजमहल और अन्य मीनारों की प्रतिकृतियां भेंट करते थे जो भारतीय संस्कृति को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। लेकिन अब यानी मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से विदेशी गणमान्य जब भारत आते हैं तो वो भगवद गीता और रामायण की प्रति भेंट करते हैं।