तिरंगा यात्रा निकालना चाहता था मुस्लिम समाज: पाकिस्तान को कहा दुश्मन, लगाए मादर-ए-वतन जिंदाबाद के नारे
कासगंज की तिरंगा यात्रा के बाद सोमवार (5 फरवरी) को आगरा में मुस्लिम समाज के नेतृत्व में एक तिरंगा यात्रा निकालने कोशिश हुई। हालांकि यात्रा के लिए ना तो कोई अनुमति ली गई थी और नहीं प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई थी। प्रशासन ने निषेधाज्ञा के चलते इनकी यात्रा को रोक दिया। इन लोगों ने कासगंज मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। इस दौरान हुई हिंसा में मारे गये चंदन गुप्ता के परिवार समुचित मुआवजा देने की मांग की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मुस्लिम समाज के लोग आगरा के शहीद स्मारक से कलेक्ट्रेट तक में तिरंगा यात्रा निकालना चाहते थे। कार्यक्रम में शिरकत कर रही सरंचना संस्था की अध्यक्ष एवं मार्च में प्रतिभागी शबाना खण्डेलवाल ने कहा कि हम मुस्लिम समुदाय के नेताओं के साथ तिरंगा यात्रा निकालने के लिए एकत्र हुए थे, जिससे राष्ट्र और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति अपने प्रेम को प्रर्दिशत कर सकें। उन्होंने बताया कि निषेधाज्ञा होने के कारण प्रशासनिक अधिकारियों को 10 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा और तिरंगा यात्रा समाप्त हो गयी। ज्ञापन में राष्ट्रपति से मुस्लिम और उनके संस्थानों की सुरक्षा की मांग की गयी है। मुस्लिम समूह ने आगरा में राष्ट्रपति रामनाथ कोंविंद को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा। और मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा की मांग की।
शबाना खण्डेलवाल ने बताया कि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। इसलिये पार्टी को भी इस आयोजन से दूर रखा गया है। उन्होंने कहा कि मुसलमान इस देश में पूरी निष्ठा के साथ रह रहे हैं और उन्हें भी देश से उतना ही प्रेम है जितना प्रेम अन्य धर्म के लोगों को है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से कासगंज में 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा के दौरान जमकर हिंसा हुई थी। इस दौरान चंदन गुप्ता नाम के शख्स की मौत हो गई थी। इस मामले के मुख्य आरोपी सलीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां की है। इस दौरान कासगंज में कई दिनों तक आगजनी की घटनाएं हुईं। आगरा में मुस्लिम समुदाय चंदन गुप्ता के परिवार वालों को मुआवजा देने की मांग और उनके परिवार को सुरक्षा देने की मांग को लेकर तिरंगा यात्रा निकालना चाह रहे थे।