तीन तलाक पर बहस में मुस्लिम स्कॉलर ने कहा- पहले मंदिरों में रेप रोको, हिंदू लड़कियों का हाल देखो
सुप्रीम कोर्ट द्वारा छह महीने में इंस्टेंट ट्रिपल तलाक पर कानून बनाने के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने ड्राफ्ट लॉ तैयार कर लिया है। इस ड्राफ्ट के अनुसार अगर कोई भी मुस्लिम पुरुष पत्नी को इंस्टेंट तलाक देता है तो उसे तीन साल तक की जेल हो सकती है। प्रस्तावित कानून में इंस्टेंट ट्रिपल तलाक को गैरजमानती और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इस ड्राफ्ट लॉ के तहत अगर कोई भी मुस्लिम पुरुष पत्नी को बोलकर, लिखित, या ईमेल, मैसेज और व्हाट्सऐप जैसे इलैक्ट्रोनिक माध्यम से इंस्टेंट तीन तलाक देता है तो उसे गलत और गैरकानूनी माना जाएगा। इसी मामले पर सीएनएन-न्यूज18 चैनल पर डिबेट शो में कई पैनलिस्ट मौजूद थे, जिसमें विवादित मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के मीडिया कॉर्डिनेटर इलियास शरीफुद्दीन भी शामिल थे।
बहस का विषय था कि महिलाओं को समानता खुली बहस का विषय क्यों है? बहस में याचिकाकर्ता और एक्टिविस्ट जाकिया सोमन ने कहा कि महिलाओं को इस्लाम ने 1400 वर्ष पहले ही समानता का अधिकार दे दिया था, लेकिन उन्हें इतने वर्ष बाद भी पूरी तरह यह मिल नहीं पाया है। आजादी के 70 वर्ष बीतने के बाद अब मुस्लिम महिलाओं का इंतजार खत्म हुआ है। जब एंकर ने इलियास से पूछा कि उनकी समस्या क्या है तो तल्ख लहजे में उन्होंने कहा कि कोई हिंदू लड़कियों के लिए लड़ाई क्यों नहीं लड़ता, जो हर दिन मारी जा रही हैं। आंकड़े देते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी भारतीय लड़की के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। 20 मिलियन हिंदू लड़कियों को मारा जाता है और उनका अबॉर्शन कराया जाता है। 50 हजार हिंदू लड़कियों से बलात्कार किया जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि मंदिरों में देवदासियों से रेप किया जाता है। उनके यह कहते ही एक्टिविस्ट अजय गौतम भड़क गए। उन्होंने कहा कि आप मुझे कोई भी एक एेसा आंकड़ा दिखाइए, जिसमें यह लिखा हो कि अब भी देवदासी प्रथा चलन में है। इस पर एंकर ने उन्हें शांत होने को कहा। इसके बाद एंकर की इलियास से बहस हो गई। उन्होंने पूछा कि क्या वॉट्सएप पर महिलाओं को तलाक देना सही है, क्या उन्हें सड़कों पर छोड़ देना सही है? इसके बाद गौतम और इलियास के बीच जमकर बहस हुई और इलियास ने कहा कि वाराणसी मंदिर और राम रहीम के आश्रम में यह होता है।