तीन तलाक: पहले संसद के बाहर अड़चनें दूर करेगी बीजेपी, अब बुधवार को पेश हो सकता है बिल

मुस्लिमों में एक बार में तीन तलाक कहने के चलन को फौजदारी अपराध बनाने संबंधी विधेयक कल (3 दिसंबर) राज्यसभा में पेश हो सकता है। यह पहले मंगलवार को राज्यसभा में रखा जाना था। इस मामले पर संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि हम तीन तलाक विधेयक पर कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों से बातचीत कर रहे हैं। उम्मीद है कि राज्यसभा में यह आसानी से पारित होगा। यह बिल कल पेश हो सकता है। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है। एक बार में तीन तलाक या तलाके बिद्दत के अपराध में पति को तीन साल की सजा के प्रावधान वाले इस विधेयक को पिछले सप्ताह लोकसभा में पारित किया गया था। राज्यसभा की कार्यसूची के अनुसार मुस्लिम महिला (विवाह संबंधित अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 3 जनवरी को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद चर्चा एवं पारित कराने के लिए उच्च सदन में रखेंगे। इस विधेयक में प्रावधान किया गया है कि तीन तलाक पीड़ित महिला अपने और अपने अल्पवय बच्चों के लिए गुजारा भत्ता पाने के मकसद से मजिस्ट्रेट से सम्पर्क कर सकती है। पीड़िता मजिस्ट्रेट से अपने अल्पवय बच्चों के संरक्षण की मांग कर सकती है।

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We are in talks with Congress party and others for the #TripleTalaqBill, hope for a smooth passage in Rajya Sabha. Kal pesh ho sakta hai: Parliamentary Affairs Minister Ananth Kumar

इस प्रस्तावित कानून के अनुसार मौके पर बोला गया तलाक, भले ही वह मौखिक, लिखित अथवा ईमेल, एसएमएस और व्हाट्स एप जैसे इलेक्ट्रानिक माध्यमों से हो, वह गैरकानूनी एवं निष्प्रभावी हो जाएगा। इस बीच इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने दावा किया कि राज्यसभा में यदि यह विधेयक पारित हो जाता है तो विभिन्न मुस्लिम संगठन उच्चतम न्यायालय की शरण लेंगे। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है और इस बात की भी संभावना है कि इस विधेयक को व्यापक विचार विमर्श के लिए संसदीय समित के पास भेजा जाता है। वहीं डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि तीन तलाक विधेयक को सिलेक्ट कमिटी को भेजा जाना चाहिए।

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