तीन साल में सबसे कम रही जीडीपी: सरकार बोली- वजह नोटबंदी नहीं, जीएसटी

वित्तीय वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही अप्रैल-जून में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 0.4 फीसदी की आई गिरावट के लिए अर्थशास्त्री जहां एक तरफ नोटबंदी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वहीं सरकार इसके पीछे जीएसटी को मुख्य वजह बता रही है। नरेंद्र मोदी सरकार के मुख्य सांख्यिकीविद् टीसीए अनंत ने गुरुवार (31 अगस्त) को कहा कि जीएसटी की वजह से देश में विनिर्माण विकास घट गया। उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग ग्रोथ पिछले साल की पहली तिमाही के मुकाबले 10.7 फीसदी से घटकर 1.2 फीसदी रह गई।

देश के मुख्य सांख्यिकीविद टी.सी.ए. अनंत ने गुरुवार को कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की विकास दर कम होकर 5.7 फीसदी पर आने का प्रमुख कारण कंपनियों द्वारा 1 जुलाई को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू होने के पहले अपने स्टॉक को सावधानी बरतते हुए खाली करना रहा। अनंत ने यहां पहली तिमाही के नतीजे जारी करने के बाद संवाददाताओं से कहा, “जिस प्रमुख क्षेत्र में तेज गिरावट दर्ज की गई, वह उद्योग है। कॉरपोरेट निकाय पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में अपने स्टॉक खाली करने में जुटी रही, जिसका प्रमुख कारण जीएसटी लागू होने के कारण पड़ने वाला असर रहा।”

उन्होंने कहा कि त्योहारी अवधि के कारण कंपनियों के पास पहले ही बहुत ज्यादा स्टॉक नहीं था। मुख्य सांख्यिकीविद ने कहा कि दूसरी तिमाही से जीडीपी में वापस तेजी लौटने की उम्मीद है और जीएसटी लागू हो जाने के बाद सबकुछ सामान्य हो गया है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी 5.7 फीसदी की विकास दर के साथ 31.10 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 6.1 फीसदी था।

समीक्षाधीन अवधि में विकास दर में यह गिरावट इसकी पिछली तिमाही से तुलना करने पर और अधिक तेज है, जब देश की जीडीपी की विकास दर 7.9 फीसदी थी। बता दें कि चालू वित्त वर्ष की जून में खत्म हुई तिमाही के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में गिरावट दर्ज की गई और यह वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही के 6.1 फीसदी से घटकर 5.7 फीसदी पर आ गई। आधिकारिक आंकड़ों से गुरुवार को यह जानकारी मिली।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी 5.7 फीसदी की वृद्धि दर के साथ 31.10 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान इसकी वृद्धि दर 6.1 फीसदी थी। अगर हम जीडीपी की वृद्धि दर की तुलना एक साल पहले की समान तिमाही से करें तो इसमें काफी अधिक गिरावट दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी की रफ्तार 7.9 फीसदी थी।

 

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