तीन सौ आतंकी भारत में घुसपैठ की फिराक में
थल सेना ने कहा है कि तीन सौ से ज्यादा आतंकवादी भारत में घुसपैठ करने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर इंतजार कर रहे हैं। मिलिट्री इंटेलीजेंस और आइबी की सूचनाओं के हवाले से उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू ने कहा है कि पाकिस्तानी सेना भी घुसपैठ की इस योजना में आतंकवादियों का साथ दे रही है। लेफ्टिनेंट जनरल अनबू ने विस्तार से जानकारी दी है कि एलओसी पर कहां-कहां घुसपैठ कराने की तैयारी की गई है। इस बीच, अमेरिका ने भारतीय खुफिया एजंसियों की जुटाई सूचना की तर्ज पर ही आशंका जताई है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन भारत के भीतर हमले जारी रख सकते हैं। हमले की नई तैयारी चल रही है।
रक्षा मंत्रालय ने लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू की मीडिया कांफ्रेंस का ब्योरा जारी किया है। उन्होंने सेना के उत्तरी कमान के उधमपुर मुख्यालय में कहा कि पीर पंजाल के दक्षिण में 185 से 200 आतंकवादी ओर उत्तर में 190 से 225 आतंकी घुसपैठ करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले कराने की योजना में शामिल है। जम्मू-कश्मीर में सुंजवान सेना कैंप पर आतंकी हमले के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एलओसी के साथ चल रही गतिविधियां बहुत ही पेचीदा और चुनौतीपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि हम अपनी रणनीति बना रहे हैं और इस पर काम करेंगें।
दूसरी ओर, अमेरिकी खुफिया प्रमुख ने चेताया है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन भारत के भीतर हमले जारी रख सकते हैं। वाशिंगटन में अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक डेन कोट्स ने सुंजवान सैन्य शिविर पर आतंकी हमले के संदर्भ में जुटाई गई खुफिया जानकारी पर सीनेट की चयन समिति को पेश की गई अपनी गवाही में कहा कि पाकिस्तान नए परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का संकेत देकर, आतंकवादियों से अपने संबंध बरकरार रखकर, आंतकवाद विरोधी सहयोग को रोककर और चीन से करीबी बनाकर अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाना जारी रखेगा। कोट्स ने कहा, पाकिस्तान से समर्थन प्राप्त आतंकवादी संगठन पाकिस्तान में अपने सुरक्षित पनाहगाहों का फायदा उठाना जारी रखते हुए भारत, अफगानिस्तान के साथ ही अमेरिकी हितों वाले देशों के खिलाफ हमले की योजना बनाना और हमले करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि भारत की तुलना में अपनी स्थिति को खराब समझने का पाकिस्तान का बोध उसके अलग-थलग पड़ने की आशंकाओं को और बढ़ा देगा जिससे वह भारत के लिए तय अमेरिकी लक्ष्यों के खिलाफ काम करेगा। पाकिस्तान के किसी भी आतंकी संगठन का नाम लिए बिना ही कोट्स ने सांसदों से कहा कि इन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ाने का कोई खास असर नहीं देखने को मिला है। साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी एशियाई देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है।