तेज प्रताप यादव ने खाली किया सरकारी बंगला, बोले- भुतहा है

राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री तेज प्रताप यादव ने महागठबंधन की सरकार गिरने के तकरीबन सात महीने बाद सरकारी आवास खाली कर दिया है। तेज प्रताप ने तीन एकड़ में फैले बंगले को खाली करने के पीछे अजीबोगरीब तर्क दिए हैं। उन्‍होंने कहा कि यह बंगला भुतहा है, जिसके कारण वह इसे खाली कर रहे हैं। पूर्ववर्ती सरकार में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बनने के बाद उन्‍हें पटना के 3-देशरत्‍न मार्ग पर बंगला आवंटित किया गया था। पूर्व मंत्री ने कहा, ‘मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुझे डराने और परेशान करने के लिए बंगले में भूत छोड़ दिया था। लिहाजा, मैंने इसे छोड़ने का फैसला किया।’ जदयू-राजद-कांग्रेस की गठबंधन सरकार गिरने के बाद अधिकारियों ने तेज प्रताप को पिछले साल जुलाई में बंगला खाली करने को कहा था, ताकि उसे किसी दूसरे मंत्री को आवंटित किया जा सके। इसके बावजूद वह अब तक इसी बंगले में रह रहे थे। राज्‍य सरकार द्वारा बंगला खाली करने के आग्रह पर पूर्व मंत्री ने कहा, ‘क्‍या वे सरकार हैं? जनता असली सरकार होती है। वैसे भी मुझे सरकार की भीख नहीं चाहिए…मेरे पास पहले से ही एक घर है।’ विपक्षी दलों ने तेज प्रताप के बंगले में भूत होने के बयान की आलोचना की है। विपक्षी नेताओं ने कहा कि किसी दूसरे को डराने की जरूरत नहीं है।

तेज प्रताप ने पिछले साल मई में 3-देशरत्‍न मार्ग पर सरकारी बंगला आवंटित होने के बाद एक ज्‍योतिष की सलाह पर वास्‍तुशास्‍त्र के हिसाब से उसमें बदलाव करवाया था। ‘डीएनए’ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्‍होंने दक्षिण दिशा की ओर खुलने वाले मुख्‍य द्वार को बंद करवा दिया था। इसके बजाय वह उत्‍तर दिशा में खुलने वाले पिछले दरवाजे का इस्‍तेमाल करने लगे थे। लोगों की शिकायत के बाद उन्‍होंने मेन गेट को फिर से खोल दिया था। यहां तक कि इसके लिए तेज प्रताप के पिता लालू यादव ने भी उन्‍हें डांट लगाई थी। दूसरी तरफ, तेज प्रताप ने पटना विश्‍वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में ‘छात्र राजद’ की हार पर सख्‍त टिप्‍पणी की है। उन्‍होंने कहा कि चुनाव में पार्टी को अपने ही लोगों ने धोखा दिया है, ऐसे लोगों पर पार्टी कार्रवाई करेगी। बता दें कि तेज प्रताप यादव छात्र राजद के संरक्षक हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *