तो क्या नीतीश कुमार को लगने वाला है एक और झटका? जदयू महासचिव के ट्वीट से उठे सवाल

महागठबंधन से अलग हो कर भाजपा का दामन थामने के बाद से नीतीश कुमार को लेकर पार्टी के अंदर से ही बगावत की कई खबरें सामने आ चुकी हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसी कड़ी में अगला नाम कहीं जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव पवन कुमार वर्मा का तो नहीं है। इस तरह के कयासों के पीछे पवन कुमार वर्मा के दो ट्वीट बताए जा रहे हैं। दरअसल पवन कुमार वर्मा ने सोमवार को दो ट्वीट किये। अपने इन दोनों ट्वीट में पवन वर्मा ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। आपको बता दें कि पवन वर्मा किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि से नहीं आते हैं। वह भूटान में जब भारत के राजदूत थे तब नीतीश कुमार से एक सरकारी यात्रा के दौरान उनकी मुलाक़ात हुई थी। सरकारी नौकरी से रिटायर होने के बाद वह जनता दल यूनाइटेड से जुड़ गए। जदयू से जुड़ने के छह महीने बाद ही नीतीश कुमार ने उन्हें कुछ समय के लिए राज्यसभा सांसद बना दिया था। अब पवन वर्मा नीतीश कुमार को असहज स्थिति में डालते नजर आ रहे हैं। पवन कुमार वर्मा ने जो दो ट्वीट किये वो इस प्रकार से थे। पहले ट्वीट में पवन वर्मा ने उस आंकड़े को लेकर हमला बोला जिसमें हंगर इंडेक्स में भारत के 55वें पायदान से खिसक कर 100वें पायदान पर आने की बात की गई है। पवन वर्मा ने इन आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए लिखा कि आखिर हम किस विकास के लिए काम कर रहे हैं।

वहीं एक और ट्वीट करते हुए चुनाव आयोग को भी कटघरे में खड़ा कर दिया। अपने इस ट्वीट में उन्होंने लिखा कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष होना चाहिए लेकिन वह ऐसा दिख नहीं रहा है। पवन वर्मा ने सवाल किया कि आखिर गुजरात चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी क्यों की जा रही है..इस बात का जिम्मेदारी से जवाब देना चाहिए।

पवन कुमार वर्मा के इस ट्वीट पर जब नीतीश कुमार से उनकी प्रतिक्रिया लेने की कोशिशें हुईं तो उन्होंने ये कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि मैंने पवन वर्मा के ट्वीट नहीं देखे हैं। आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले भी पवन वर्मा ने एक अखबार में लेख लिख कर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की आलोचना की थी।

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