तो क्या पुराने भाजपाई हैं राहुल गांधी के खिलाफ बगावत करने वाले पूनावाला?
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले शहजाद पूनावाला अब अपनी ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ गये हैं। कांग्रेस समर्थक गौरव पांधी ने एक ट्विटर पर एक तस्वीर जारी की है और दावा किया है कि शहजाद पूनावाला इस तस्वीर में बीजेपी नेता स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे के साथ दिख रहे हैं। हालांकि जनसत्ता इस तस्वीर की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। गौरव पांधी का ट्विटर पर वेरीफाइड अकाउंट है और वह खुद को नेहरू से प्रभावित कांग्रेसी बताते हैं। गौरव पांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिये इस तस्वीर को पोस्ट किया है और लिखा है कि दरअसल में ये शहजाद पूनावाला की घर वापसी है। गौरव पांधी ने लिखा, ‘ओह, मुझे नहीं पता था कि शहजाद पूनावाला ने काफी कम उम्र में ही अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एक बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में की थी। इस तस्वीर में वो गोपीनाथ मुंडे के अलावा दूसरे बीजेपी नेताओं के साथ दिख रहे हैं।, तो घर वापसी? या ‘आप’ की नजरों ने समझा प्यार के काबिल तुम्हें।’ गोपीनाथ मुंडे मई 2014 में केन्द्र सरकार में मंत्री बने थे, लेकिन 3 जून 2014 को दिल्ली में एक सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी।
दरअसल गौरव पांधी ने इशारा किया है कि पूनावाला या तो बीजेपी में जा सकते हैं या फिर आप में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है और कहा है कि इस चुनाव में राहुल गांधी को जिताने के लिए जोड़-तोड़ किया गया है। राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद के लिए सोमवार (4 दिसंबर) को ही पर्चा भरा है। इधर इस तस्वीर के सार्वजनकि होने के बाद गौरव पांधी को अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। एक यूजर ने लिखा है कि जब आपको पता था कि शहजाद बीजेपी वर्कर हैं तो आपने पहले आवाज क्यों नहीं उठाई थी।’ एक यूजर ने लिखा है कि वो स्लीपर सेल का सदस्य था।’ जावेद सूरी नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘साफ साफ दिख रहा है कि मॉर्फ तस्वीर है’
एक यूजर ने लिखा, ‘ये भी तो हो सकता है कि उस समय शहजाद राजनीति में सक्रिय न हों। एक दर्शक के रूप सभा में शामिल हुए हों। क्या आप उनके बाल जीवन के मित्र हैं?’ अतुल कुमार शर्मा ने लिखा, ‘सच्चाई आखिर बाहर आ ही गR क्रन्तिकारी पटेल साहब बचपन से ही स्टैचू बनवाने का शौक रखते है। यहां दाल नहीं गली तो चलो वहां, वहां नहीं तो कहीं और।’