त्रिपुरा के सीएम बने बिप्लब देब, बोले- कुछ गलती हो जाए तो कान पकड़ के सही करवा लेना
पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार अस्तित्व में आ गई है। पार्टी के युवा नेता बिप्लब देब ने शुक्रवार (9 मार्च) को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। औपचारिक तौर पर राज्य का कमान संभालने के तुरंत बाद उन्होंने जनता से कहा कि अगर पद पर रहते उनसे कोई गलती हो जाए तो उनका कान पकड़ कर उसे ठीक कराया जाए। नवनियुक्त सीएम ने कहा, ‘वैभवशाली त्रिपुरा बनाने के लिए सबका सहयोग और साथ जरूरी है। मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं। गांव से लेकर शहर तक आप में से कोई भी मुझे अपना बेटा या भाई समझ कर मेरे पास आइएगा। कान पकड़ कर मेरी गलती ठीक कराइएगा। मैं एकदम नया हूं, मुझे अपना आशीर्वाद दीजिएगा। आज का दिन राज्य के 37 लाख लोगों का है।’ विधानसभा चुनावों में भाजपा ने पिछले 25 वर्ष से राज्य की सत्ता पर काबिज वाम दल को उखाड़ फेंका। बिप्लब ने जीत का श्रेय पार्टी नेताओं को देते हुए कहा, ‘बीजेपी नेताओं ने इस जीत के लिए पर्दे के पीछे बहुत मेहनत की है। सभी मंत्रियों और बड़ों का आशीर्वाद मिला। आपने (जनता) जिस विश्वास के साथ सरकार बनाई है, हमलोग आपके उस विश्वास पर खरा उतरेंगे। मैं प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) का आशीर्वाद चाहूंगा, ताकि हमलोग त्रिपुरा को बड़ा राज्य बनाने के साथ विजन डॉक्यूमेंट को लागू कर सकें।’ बता दें कि अगरतला के असम राइफल ग्राउंड में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया था। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ ही त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार भी मौजूद थे।
जनता से ली प्रेरणा: बिप्लब देव ने त्रिपुरा की जनता को विकास को लेकर आश्वस्त किया है। उन्होंने कहा, ‘मुझे त्रिपुरा की जनता से प्यार है। मुझे तो साम्यावादियों और माणिक सरकार से भी लगाव है। लेकिन, मुझे इस बात की खीज है कि इतना समय लेने के बावजूद उन्होंने राज्य के संसाधनों का त्रिपुरा के विकास में इस्तेमाल नहीं किया। हमलोगों को नए सिरे से पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू करनी होगी।’ त्रिपुरा के नए सीएम ने बताया कि वह आमलोगों से ही प्रेरणा लेते हैं। बता दें कि बिप्लब देब का जन्म राज्य के गोमति जिले में वर्ष 1969 में हुआ था। वहीं से ग्रैजुएशन करने के बाद उन्होंने नई दिल्ली की राह पकड़ ली थी। यहां वह आरएसएस से जुड़ गए थे। उन्होंने गोबिंदाचार्य और कृष्णगोपाल जैसे दिग्गज संघ नेताओं के अंदर काम किया। दो साल पहले ही उन्हें त्रिपुरा का बीजेपी प्रमुख नियुक्त किया गया था।