‘त्रिपुरा में हिंसा भड़काने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं बीजेपी और आरएसएस’
माकपा ने भाजपा-आरएसएस पर आरोप लगाया है कि वे चुनावी प्रदेश त्रिपुरा में हिंसक गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए करोड़ों रुपए झोंक रहे हैं। त्रिपुरा में अगले साल चुनाव होने हैं और राज्य में जनजातीय लोगों तथा गैर-जनजातीय समूहों के बीच हिंसक झड़पें होती रही हैं। माकपा ने एक पुस्तिका का प्रकाशन किया है जिसका शीर्षक ‘राज्य सरकार के खिलाफ भाजपा की साजिश के संबंध में सही तस्वीर पेश करने के लिए त्रिपुरा के लोग पहले मॉडल’ रखा गया है।
माकपा ने आरोप लगाया कि भाजपा ने कई राज्यों में चुनावों में बिना एक सीट जीते मुख्य विपक्षी का दर्जा हासिल कर लिया है और उसने राजनीतिक दलों को धमकी देने तथा ब्लैकमेल करने के लिए सीबीआई तथा आयकर विभाग का भी इस्तेमाल किया है। इसके साथ ही माकपा ने कहा कि यह पुरानी रणनीति त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक सरकार के खिलाफ नहीं काम करेगी। पुस्तिका में त्रिपुरा सरकार की विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों का भी जिक्र किया गया है।
माकपा ने कहा कि निसंदेह त्रिपुरा के लोग भाजपा-आरएसएस की साजिश को नाकाम कर देंगे और नफरत की राजनीति को परास्त करेंगे। इसके साथ ही वे एकता तथा सौहार्द के रिश्तों की रक्षा करेंगे। उल्लेखनीय है कि त्रिपुरा हाल ही में उस समय मीडिया कि सुर्खियों में आ गया था जब पटाखों पर लगे प्रतिबंध को लेकर त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय की प्रतिक्रिया आई थी। उन्होंने दिवाली पर पटाखे फोड़ने का समर्थन करते हुए कहा था कि दिवाली पर पटाखों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर जंग छिड़ जाती है। लेकिन सुबह साढ़े चार बजे होने वाली अजान पर कोई बात नहीं होती। उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर लिखा था कि हर बार दिवाली पर पटाखों से फैलने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर जंग छिड़ जाती है। साल के सिर्फ कुछ दिनों तक। लेकिन सुबह साढ़े चार बजे लाउडस्पीकर पर होने वाली अजान को लेकर कोई बहस नहीं होती।