दलितों पर अत्‍याचार को लेकर बिहार विधानसभा के पूर्व अध्‍यक्ष ने जदयू की प्राथमिक सदस्‍यता से इस्‍तीफा दिया

बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने आज जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। चौधरी ने आज मीडिया के एक वर्ग से बातचीत में कहा, ‘‘ मैं जदयू में 20 साल से था। उसको सींचने और बनाने में हमारी भूमिका रही है लेकिन जदयू के कार्यकर्ताओं के मनोबल को कुचलकर धनकुबेरों को आगे बढ़ाया जा रहा है और प्राथमिकता दी जा रही है, दलितों के अधिकार को कुचला जा रहा है । महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं बढ़ गयी हैं। हाल ही में जहानाबाद की घटना देखने को मिली है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ इसके साथ ही दलित छात्रों की छात्रवृत्ति बंद कर दी गयी और दलित उत्पीड़न अधिनियम में बारे में सरकार चुप है।

प्रोन्नति में आरक्षण (दलितों को) को समाप्त कर दिया गया है जिससे दलित समुदाय के कर्मी प्रोन्नति के मामले में पिछड़ गए हैं। न्यायपालिका में आरक्षण नहीं है, इस पर सरकार कुछ नहीं बोल रही है। इन सभी कारणों से मैं इतना आहत हूं कि आज और अभी से जदयू की प्राथमिक सदस्यता छोड़ता हूं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या इन मुद्दों को लेकर उन्होंने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की थी, इस पर चौधरी ने कहा, ‘‘ आज से चार-पांच महीने पहले कई बार उनसे बात की लेकिन उन्होंने कोई पहल नहीं की।

किसी बैठक में मुझे नहीं बुलाया गया। मेरी आवश्यकता वह नहीं समझते इसलिए जदयू से इस्तीफा देता हूं।’’ चौधरी ने दावा किया जदयू से और भी लोग निकलने वाले हैं। वहीं जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने चौधरी के पार्टी छोडने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार जी ने उन्हें लंबे समय तक बिहार विधानसभा का अध्यक्ष बनाकर सम्मान दिया।

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