दशहरा से पहले योगी सरकार का बड़ा फैसला, सूबे के सभी रामलीला मैदानों की होगी बाउंड्री
यूपी में एक बार फिर से बाउंड्रीवॉल की सियासत शुरू हो गई है। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने फैसला किया है कि पूरे प्रदेश के रामलीला मैदानों और स्थलों की चारदीवारी करवाई जाएगी। इसके लिए बाकायदा बजट भी घोषित कर दिया गया है। इसी बजट में पूरे प्रदेश में गौशाला बनाने का बजट भी शामिल है। यूपी में इससे पहले की समाजवादी सरकार ने पूरे प्रदेश के कब्रिस्तानों की चारदीवारी करवाने का आदेश दिया था। अब ये माना जा रहा है कि यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार भी उसी राह पर आगे बढ़ चली है।
न्यूज18 की खबर के मुताबिक, प्रदेश भर में गौशाला बनाने के लिए बजट का इंतजाम अनुपूरक बजट में किया गया है। लेकिन इस पूरी कवायद के चलते सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। यूपी में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार दुष्प्रचार फैला रही है। सपा प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा सपा सरकार ने सिर्फ कब्रिस्तान की चारदीवारी ही नहीं करवाई थी। बल्कि कोई भी मैदान, ग्राम पंचायत की जमीन, घाट को भी इसमें शामिल किया था। ये इसलिए बनवाई गई थी, ताकि असामाजिक तत्व इन पर कब्जा न कर सकें। लेकिन भाजपा ने चुनावों ने इस बात को दूसरा रंग देकर पेश किया। भाजपा की आदत ही झूठ बोलने और फैलाने की है।
कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर योगी सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस की तरफ से सुरेंद्र राजपूत ने मीडिया से कहा, नियम—कायदे सबके लिए बराबर होने चाहिए। सरकार किसी के भी साथ पक्षपात करने से बचे। जितनी भी सामाजिक जमीनें हैं। उनकी चारदीवारी के लिए सरकार एक जैसा नियम बनाए। फिर चाहें वह कब्रिस्तान हो, रामलीला मैदान हो या फिर श्मशान हो। एक फंड बना दिया जाए ताकि अवैध कब्जा न हो सके। लेकिन भाजपा के लोगों की फितरत ही हिंदू—मुस्लिम करने की है। ये बात पूरी तरह से गलत है।
वहीं भाजपा ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है। पार्टी के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने मीडिया से कहा, ” सरकार का जो काम है वह कर रही है। विपक्ष अपना काम करे और विकास की योजनाओं को आगे आने दे। रामलीला का कार्यक्रम पूरे प्रदेश के विभिन्न जिलों और विभिन्न गांवों में होता है। इन जमीनों पर अतिक्रमण की गुंजाइश बनी रहती है। ऐसे में जरूरी था कि इनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। सरकार ने सार्वजनिक भूमि की सुरक्षा के लिए ये कदम उठाए हैं। इसमें किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए।”