दागियों पर मेहरबान ओलंपिक संघ: आरोपी भाजपा सांसद, अफसर को बनाया भारतीय दल का अगुवा
भारतीय ओलंपिक संघ ने 18 अगस्त से 2 सितंबर तक इंडोनेशिया के जकार्ता और पालेमबांग में होने वाले 18वें एशियाई खेलों के लिए भाजपा के दागी सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को भारतीय दल का प्रमुख (शेफ डि मिशन) बनाया है। इनके साथ ही कॉमनवेल्थ घोटालों में आरोपी रहे राजकुमार संचेती को इस दल का उप प्रमुख बनाया है। बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह उत्तर प्रदेश के कैसरगंज संसदीय सीट से भाजपा के लोकसभा सांसद हैं। सिंह कई मामलों में आरोपी हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में सौंपे चुनावी हलफनामे के मुताबिक सिंह ने खुद कबूल किया है कि उन पर कई आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। इनमें हत्या की कोशिश, डकैती और दंगा फैलाने के आरोप भी शामिल हैं। सिंह भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। वो साल 2012 से इस, पद पर काबिज हैं। इन्हें 541 सदस्यों वाले भारतीय दल की अगुवाई करने का जिम्मा सौंपा गया है।
भारतीय दल के उप प्रमुख के तौर पर चार लोगों की नियुक्ति हुई है। उनमें एक हैं 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले के आरोपी और तत्कालीन ओलंपिक संघ के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी के नजदीकी राजकुमार संचेती। संचेती कई खेल एजेंसियों में प्रशासक रहे हैं। वो कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले में सीबीआई जांच में आरोपी रहे हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने भी संचेती को कॉमनवेल्थ गेम्स में संयुक्त महानिदेशक पद पर रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करने का कसूरवार ठहराया है। संचेती सुरेश कलमाड़ी के पर्सनल प्राइवेट सेक्रेटरी थे। उन्होंने रेलवे में एक क्लर्क से नौकरी शुरू की थी। जब भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स कराने की जिम्मेदारी मिली तब उन्हें कॉमनवेल्थ का संयुक्त महानिदेशक बना दिया गया था। सीवीसी ने उनकी नियुक्ति में भी अनियमितता उजागर की थी। इसकी भी जांच सीबीआई कर रही है। फिलहाल संचेती बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के एसोसिएट ज्वाइन्ट सेक्रेटरी हैं।
इनके अलावा भारतीय ओलंपिक संघ ने पूर्व सेक्रेटरी जनरल ललित भनोट को भी एशियन गेम्स की तैयारी समिति का अध्यक्ष बनाया है। भनोट भी कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले में आरोपी रहे हैं और करीब एक साल तक जेल काट चुके हैं। सीबीआई ने उन्हें प्रमुख आरोपी बनाया है। जब इंडियन एक्सप्रेस ने इन नियुक्तियों का आधार पूछा तो ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता ने इस पर टिप्पणी से इनकार कर दिया। यहां तक कि खेल मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ और खेल सचिव राहुल भटनागर ने भी टेक्स्ट मैसेज के जरिए पूछे सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। बता दें कि दो हफ्ते पहले ही ओलंपिक संघ ने ये नियुक्तियां की हैं। राजकुमार संचेती के अलावा कर्नल सत्यव्रत शेरान, बलबीर सिंह कुशवाहा और देव कुमार सिंह को भी दल का उप प्रमुख बनाया गया है। इधर, बृजभूषण शरण सिंह ने अपनी नियुक्ति पर सफाई दी है और कहा है कि वो किसी भी मामले में दोषी या सजायाफ्ता नहीं हैं। और न ही कोई कानून उन्हें इस दौरे पर जाने से रोकता है। उन्होंने कहा कि कि लोग क्या कहते हैं या क्या लिखते हैं उसकी परवाह नहीं।