दिग्‍गज अर्थशास्त्री ने बताया, अमेठी की किस्‍मत क्‍यों नहीं बदल पाया गांधी परिवार

रूचिर शर्मा मॉर्गन स्टेनली के टॉप इकोनॉमिस्ट में शामिल है। अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर वह रूस के राष्ट्रपति को भी सलाह दे चुके हैं। अब रूचिर शर्मा ने बताया है कि कांग्रेस और गांधी परिवार का गढ़ रहे अमेठी की किस्मत अब तक क्यों नहीं बदल पाई। न्यूज 18 के राइजिंग इंडिया समिट में शिरकत करते हुए रूचिर शर्मा ने कहा कि जब वह 2004 में कांग्रेस के गढ़ अमेठी में थे तो उन्होंने वहां जो देखा इससे उन्हें निराश हुई और उन्होंने इस जगह को बेहद पिछड़ा इलाका करार दिया। रूचिर शर्मा ने कहा कि जब वह अमेठी में थे तो गांधी फैमिली वहीं पर थी। उन्होंने गांधी परिवार से पूछा कि आपका संसदीय क्षेत्र इतना पिछड़ा क्यों है, ये एक वीआईपी संसदीय क्षेत्र जैसा है नहीं दिखता है? रूचिर शर्मा ने शो में आगे कहा कि इस सवाल पर गांधी फैमिली का जवाब बेहद मजेदार था, हो सकता है कि आप उनके जवाब पर यकीन नहीं करें। रुचिर शर्मा ने कहा कि गांधी परिवार के लोगों ने उन्हें बताया कि आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हमलोग जो कुछ भी इस इलाके के लिए करने की कोशिश करते हैं राज्य सरकार पूरी कोशिश करती है कि वह हो नहीं पाए।

बता दें मॉर्गन स्टेनली वत्तीय सेवाएं प्रदान करने वाली दुनिया की एक नामी अंतरराष्ट्रीय कंपनी है। यह कंपनी कई सालों से भारत में अपने क्लायंट को निवेश, निवेश प्रबंधन, बैंकिंग, पूंजी प्रंबधन जैसी सुविधाएं मुहैया कराती है। रूचिर शर्मा ने भारत की संसदीय राजनीति और विकास के मुद्दे पर अपने अनुभवों को शेयर करते हुए कहा कि यह विश्वास करना काफी मुश्किल था कि देश के सबसे शक्तिशाली परिवार के सामने अपने संसदीय क्षेत्र में काम करना इतना मुश्किल हो रहा था, क्योंकि राज्य सरकार यह लगातार कोशिश कर रही थी कि इस इलाके में कोई फंड नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में स्टेट मशीनरी काफी बिखरा हुआ है, और ये बड़ी अहम समस्या है। उन्होंने कहा कि भारत में चुनाव जीतने के बाद नेता अपने इसलिए संसदीय क्षेत्र में इसलिए नहीं आते हैं क्योंकि वह जानते हैं कि आगे विकास का काम करना उनके लिए बेहद मुश्किल होगा, क्योंकि यहां की संस्थाएं काम नहीं कर पा रही है। इस बातचीत को आप नीचे वीडियो में 45वें मिनट पर सुनकर सकते हैं।

इस कार्यक्रम में उन्होंने यह भी कहा कि वह पीएम मोदी को इकोनॉमी पर सलाह देना नहीं चाहेंगे बल्कि वह ऑब्जर्व करेंगे। उन्होंने एक अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक बार रूस में उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन को सलाह देते हुए कहा था कि जब पहली बार वह पावर में आए तो वह रिफॉर्मर थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। शर्मा ने कहा कि अगली सुबह रूसी अखबारों ने उन्हें देश छोड़ने की सलाह दे डाली। इसके बाद उन्होंने रूस छोड़ दिया और कभी वापस नहीं गये।

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