दिल्ली की धुंध से बचने के लिए गोवा जाएंगी सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव का इंतजार बढ़ा

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी दिल्ली की जानलेवा धुंध से परेशान हैं। अस्थमा की पेशेंट सोनिया गांधी को दिल्ली की हवा में सांस लेने में परेशानी हो रही है। कांग्रेस पार्टी में इस बात की चर्चा है कि जल्द ही सोनिया गांधी गोवा जाने वाली हैं। खबरों के मुताबिक अगले एक से दो दिनों में सोनिया गांधी स्वास्थ्य लाभ के लिए गोवा जा सकती हैं। दिल्ली में धुंध के खतरनाक स्तर पर पहुंच जाने की वजह से यहां सांस के मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। पिछले साल भी नवंबर में सोनिया गांधी दिल्ली के मौसम से बचने के लिए गोवा चली गईं थी। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए तारीख के ऐलान में हो रही देरी को भी इस घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है। इससे पहले माना जा रहा था कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होगी और अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए चुनाव शेड्यूल की घोषणा कर दी जाएगी। लेकिन इस बारे में कांग्रेस की ओर से कोई तारीख ना जारी करने की वजह से पार्टी पर नजर रखने वाले लोग अलग अलग आकलन कर रहे थे।

कांग्रेस के गलियारों में राहुल गांधी को जल्द पार्टी की कमान देने की चर्चा चल रही है। ताकि विधानसभा चुनाव में इसका फायदा कांग्रेस को मिल सके। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपनी बीमारी की वजह से राजनीतिक रूप से उतनी सक्रिय नहीं रह पा रही हैं। जितनी की पार्टी को इस वक्त जरूरत है। इसलिए राहुल गांधी को पूरी तौर पर जिम्मेदारी देने की प्रक्रिया अंदरखाने में चल रही है। बता दें कि कांग्रेस सोनिया गांधी के लिए गोवा छुट्टियां बिताने का पसंदीदा स्थान रहा है। पिछले साल मध्य नवंबर में दिल्ली की धुंध से बचने के लिए गोवा में वक्त गुजारने के बाद नया साल मनाने भी सोनिया गांधी गोवा पहुंची थीं। इस बार उनके साथ उनकी बेटी प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं। यही नहीं इस साल सितबंर में भी सोनिया गांधी ने अपने कुछ पल गोवा के एक रिजॉर्ट पर बिताये थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक दक्षिण गोवा के मोबोर तट  पर सोनिया गांधी स्वास्थ्य लाभ लेने पहुंची थीं।

बता दें कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 451 तक जा पहुंचा है, जबकि इसका अधिकतम स्तर 500 है। इस हवा में सांस लेने का मतलब है करीब 50 सिगरेट रोज पीने जितना धुआं आपके शरीर में चला जाता है। बीमार लोगों के अलावा स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी यह हवा हानिकारक है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अनुसार, यह स्वास्थ्य की आपात स्थिति है, क्योंकि शहर व्यावहारिक रूप से गैस चैंबर में बदल गया है। आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, “धुंध एक जटिल मिश्रण है और इसमें विभिन्न प्रदूषक तत्व जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड और धूल कण मिले होते हैं। यह मिश्रण जब सूर्य के प्रकाश से मिलता है तो एक तरह से ओजोन जैसी परत बन जाती है। यह बच्चों और बड़ों के लिए एक खतरनाक स्थिति है। फेफड़े के विकारों और श्वास संबंधी समस्याओं वाले लोग इस स्थिति में सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।”

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