दिल्ली के मुख्य सचिव से मारपीट: सीसीटीवी कैमरों के साथ छेड़छाड़, फॉरेंसिक लैब में होगी जांच
दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर लगे सीसीटीवी कैमरों के साथ छेड़छाड़ की गई है। ऐसे में अब इसकी जांच फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (एफएसएल) में कराई जाएगी। दिल्ली पुलिस द्वारा नए तथ्य रखने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला मंगलवार (27 फरवरी) तक के लिए सुरक्षित रख लिया। पुलिस की ओर से एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह कोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने अदालत को बताया, ‘बैठक (मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मुख्य सचिव अंशु प्रकाश और विधायकों के बीच) कैंप ऑफिस के बजाय मुख्यमंत्री आवास के ड्रॉइंग रूम में हुई थी। सीसीटीवी की टाइमिंग भी अलग-अलग है। उसके साथ छेड़छाड़ की गई है।’ बता दें कि अंशु प्रकाश के साथ मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस ने 23 फरवरी को सीएम आवास से सीसीटीवी कैमरों और हार्ड डिस्क को अपने कब्जे में ले लिया था। मुख्यमंत्री के आवास पर दिल्ली पुलिस द्वारा तलाशी लेने से AAP भड़क गई थी। इससे भड़के सीएम केजरीवाल ने जज लोया की मौत का मामला उठा दिया था। उन्होंने कहा था कि जांच एजेंसियां अगर इसी शिद्दत से जज लोया मामले की छानबीन करें तो देश उन्हें बधाई देगा।
दिल्ली के मुख्य सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अंशु प्रकाश 19 फरवरी की रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर एक बैठक में हिस्सा लेने गए थे। मुख्य सचिव ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों पर सीएम के सामने मारपीट करने का आरोप लगाया है। इसको लेकर उन्होंने उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने AAP के विधायक प्रकाश जरवाल को गिरफ्तार कर लिया था। मामले में मुख्य आरोपी बनाए गए ओखला से विधायक अमानतुल्ला खान ने भी बाद में जामिया नगर थाने में आत्मसमर्पण कर दिया था। AAP विधायकों का कहना है कि बैठक में दलित समुदाय के बीच राशन वितरित न होने का मुद्दा उठाया गया था। आरोप है कि बातचीत के दौरान मुख्य सचिव ने जातिगत टिप्पणी की थी। इससे पहले अंशु प्रकाश का अरुणा आसफ अली अस्पताल में मेडिकल करया गया था, जिसमें चोट के निशान पाए गए थे। आईएएस एसोसिएशन के सदस्यों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह से मुलाकात की थी। वहीं, दिल्ली कर्मचारी संघ ने भी केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।