दिल्ली के लिए वायुसेना की दो स्तरीय सुरक्षा छतरी

दीपक रस्तोगी

देश की राजधानी दिल्ली के लिए वायुसेना ने दो स्तरीय सुरक्षा घेरा तैयार करने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। महत्त्वपूर्ण इलाकों और इमारतों की सुरक्षा के लिए भारतीय वायुसेना दो स्तरीय सुरक्षा प्रणाली लगाएगी। इसके तहत लड़ाकू विमानों, ड्रोन, हेलीकॉप्टर हमले के साथ ही क्रूज मिसाइलों के हमले 25 से चार सौ किलोमीटर के दायरे में नाकाम कर दिए जाएंगे। दिल्ली में वायु रक्षा प्रणाली एस-400 लगाई जाएगी, जिसे रूस से खरीदने की योजना अंतिम दौर में है। पूरी योजना का मसौदा रक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) को भेजा जा चुका है। इस पर डीएसी की अगले पखवाड़े होने वाली बैठक में फैसला होने के आसार हैं। दिल्ली के अलावा मुंबई को लेकर भी विशेष सतर्कता है।

दिल्ली में लगाई जा रही वायु रक्षा प्रणाली के तहत क्रूज मिसाइलों को 25 किलोमीटर पहले ही मार गिराया जाएगा। विफल होने पर मिसाइलों को हवा में ही पांच से छह किलोमीटर (18 हजार फीट) के दायरे में मार गिराया जाएगा। इस प्रणाली को राष्ट्रपति भवन, संसद जैसे महत्त्वपूर्ण ठिकानों पर लगाया जाएगा। वायुसेना कमांडरों की बैठक में इस आशय की योजना को अंतिम रूप दिया गया। अधिकारियों के अनुसार, हमारे देश के पास स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली आकाश है। हालांकि, कई देशों के साथ मिलकर डीआडीओ ऐसी परियोजना पर काम कर रहा है, जिसमें 25 किलोमीटर की ऊंचाई पर मिसाइल मार गिराने में सफलता न मिले तो पांच से छह किलोमीटर के दायरे में जरूर मार गिराया जाए। इसके अलावा दुश्मन की मिसाइल के बारे में चार सौ किलोमीटर की दूरी से पहले ही सतर्क करने वाली प्रणाली को तैनात किया जाएगा। वायु रक्षा प्रणाली- एस 400 को रूस से खरीदा जा रहा है।

वायुसेना ने इस प्रणाली- एस 400 का परीक्षण कर लिया है। इस प्रणाली की खरीद पर 38 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। साथ ही, स्वदेश में बैलिस्टिक मिसाइल कवच प्रणाली पर भी काम चल रहा है। इस प्रणाली को दिल्ली के साथ ही मुंबई में भी तैनात किया जाएगा। डीआरडीओ की इस परियोजना के तहत लंबी दूरी से आने वाले मिसाइलों (जैसे 2000 किमी और उससे ज्यादा या 30 से 120 किमी की ऊंचाई) को रोका जाएगा।
सीमा पर वायुसेना ने स्पाइडर एयर डिफेंस सिस्टम (एसएडीएस) को पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर तैनात कर रखा है। इस प्रणाली के तहत किसी भी वायुयान, क्रूज मिसाइल, जासूसी विमान या फिर ड्रोन की पहचान कर ली जा रही है, जो भारत के वायुसीमा का उल्लंघन करते हैं। पाकिस्तान से लगती पश्चिमी सीमा पर तैनात स्पाइडर प्रणाली को इजराइल की मदद से लगाया गया है।

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