दिल्ली गांवों की हालत सुधारने में जुटे आइआइटी छात्र

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली के पूर्व छात्र देश भर के गांवों की सेहत सुधारने के लिए आगे आ रहे हैं। वे गांवों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से उन्हें गोद ले रहे हैं। गांवों को गोद लेने का यह मिशन आइआइटी दिल्ली के पूर्व छात्र संघ के बैनर तले चल रहा है। इसके तहत पूर्व छात्रों को 21 जून तक एक गांव गोद लेने का अवसर है। छात्र संघ से जुड़े 40 हजार छात्रों के पास इस अभियान से जुड़ने का एक सुनहरा मौका है। इस मुहिम में अब तक 10 गांवों को गोद लिया जा चुका है।

आइआइटी दिल्ली के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अतुल बल ने बताया कि देश के विकास में अपनी भागीदारी निभाने के उद्देश्य से हमने पूर्व छात्रों को कुछ गांव गोद लेने के लिए कहा है। इस दौरान मुख्य रूप से गांव की ‘स्वच्छता’ पर ध्यान दिया जाएगा। अतुल के मुताबिक हम प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान से जुड़कर गांवों के लोगों को एक स्वच्छ और बेहतर जीवन देने की दिशा में काम करेंगे। इसके तहत गांवों में गंदे पानी की निकासी, सीवेज तंत्र, शौचालय निर्माण आदि पर विशेष जोर दिया जाएगा। जरूरत के हिसाब से गांवों में सामुदायिक स्वच्छता तंत्र विकसित किया जाएगा। इसके तहत ठोस और तरल कचरे के निस्तारण के लिए अलग-अलग तंत्र बनाया जाएगा ताकि गांव पूरी तरह से साफ दिखें।

अतुल ने बताया कि स्वच्छता के अलावा हमारा ध्यान पंचायत घरों और पुस्तकालयों के निर्माण पर होगा। उनके मुताबिक गांवों में अभी भी पुस्तकालयों का अभाव है जिसकी वजह से बच्चों को उनकी पढ़ाई में परेशानी आती है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुस्तकालयों के निर्माण का निर्णय लिया गया है। अतुल ने बताया कि हमारा अनुमान है कि हमारे निर्धारित किए गए कार्यों के लिए एक गांव में 10 से 15 लाख रुपए खर्च होंगे। इन कामों के लिए उन्नत भारत अभियान, एनजीओ, सरकारी व कॉरपोरेट से मिलने वाले सीएसआर फंड और व्यक्तिगत प्रयासों से फंड जमा किया जाएगा। इसके अलावा जो पूर्व छात्र गांवों को गोद लेने के लिए इच्छुक नहीं हैं, वे फंड के माध्यम से भी इस मिशन से जुड़ सकते हैं।

सभी गोद लिए गए गांवों में हुए विकास कार्यों की तीन महीने में समीक्षा की जाएगी। यह समीक्षा आइआइटी पूर्व छात्र संघ की विशेषज्ञ समिति करेगी। पूर्व छात्र संघ के पूर्व सचिव विनोद यादव ने बताया कि उन्होंने हरियाणा के गुरुग्राम जिले के पहाड़ी गांव को गोद लिया है और जल्द ही वहां काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस तरह वे देश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना चाहते हैं। 1972 बैच के छात्र आरएच डालमिया ने 20 गांवों को गोद लेने का प्रस्ताव दिया है। पूर्व छात्र रबीत सिंह ने बरेली स्थित चैता गांव और नितेश सिंह ने गौतमबुद्धनगर के दादरी स्थित खटाना गांव को गोद लेने का प्रस्ताव दिया है।

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