दिल्ली में रैनबसेरे पर भिड़ गए आप और बीजेपी विधायक, विधानसभा की कार्यवाही बाधित

भाजपा ने राष्ट्रीय राजधानी में ठंड से बेघरों की कथित मौत को लेकर दिल्ली विधानसभा में सत्तारूढ़ आप को घेरने का प्रयास किया तो सरकार ने दावा किया कि शहर के रैनबसेरों में कम से कम 30 हजार लोग रह सकते हैं। दिल्ली शहरी आश्रय विकास बोर्ड (डीयूएसआईबी) के अनुसार मौजूदा व्यवस्थाओं के तहत रैनबसेरों में 21 हजार से ज्यादा लोग नहीं रह सकते। दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने दावा किया कि रैनबसेरों में 23 हजार लोग रह रहे हैं। इनमें 7000 लोग और रह सकते हैं।

हालांकि डीयूएसआईबी का कहना है कि इस साल रैनबसेरों में रहने वाले लोगों की सर्वाधिक संख्या 13937 तक पहुंची थी। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने आसन के पास आकर विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल से इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की लेकिन अध्यक्ष ने उनकी मांग ठुकरा दी। लेकिन चारों भाजपा विधायकों ने अपनी मांग को लेकर कार्यवाही बाधित रखी। बाद में गुप्ता को इस विषय पर बोलने की इजाजत दी गयी।

उन्होंने पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा किये गये एक ट्वीट का हवाला दिया जब मुख्यमंत्री ने जनवरी के पहले सप्ताह में 44 बेघर लोगों की कथित मौत को लेकर डीयूएसआईबी के सीईओ सुखबीर सिंह पर निशाना साधा था। जब भाजपा विधायकों ने बेघरों की मौत का मुद्दा उठाया तो जवाब में आप के विधायकों ने दलितों के खिलाफ अत्याचार तथा विशेष सीबीआई न्यायाधीश बी एच लोया की मौत जैसे मुद्दे उठाए। इससे पहले, आप से निलंबित और पिछले साल मंत्री पद से हटाए गए करावल नगर के विधायक कपिल मिश्रा को लगातार दूसरे दिन मार्शलों द्वारा सदन से बाहर किया गया। उन्होंने आप के राज्यसभा के उम्मीदवारों के पीछे ‘‘वित्तीय लेनदेन’’ का आरोप लगाया था।

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