दिल्ली में हो रही चोरी में भागलपुर के गिरोह का हाथ, अपराध शाखा टीम ने जौहरी समेत कई महिलाओं को किया गिरफ्तार
दिल्ली के घरों से चुराए गए सोने, चांदी और हीरे के जेवरात भागलपुर की सोनापट्टी में बिकते हैं। इसके साथ ही दिल्ली के चोर गिरोहों में भी इस इलाके के लोग भी शामिल हैं। दिल्ली अपराध शाखा की एक टीम ने भागलपुर की सोनापट्टी से सोमवार शाम को कई दिनों की रेकी के बाद अमित कुमार वर्मा उर्फ पिंटू को इस सिलसिले में दबोचकर दिल्ली ले गई। टीम इसे दिल्ली की अदालत में पेश करेगी। अपराध शाखा की टीम अमित की दुकान से 375 ग्राम गलाया चोरी का सोना भी जब्त करके साथ ले गई है। दिल्ली अपराध शाखा के सब इंस्पेक्टर नागेंद्र सिंह के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम भागलपुर आई थी। टीम ने यहां के थाना कोतवाली की मदद से छापामार यह कामयाबी हासिल की। दरअसल, दिल्ली के राजौरी गार्डन इलाके में करोड़ों के जेवरात चोरी होने का मामला नवंबर महीने में दर्ज हुआ था।
दिल्ली में लगातार हुई चोरी की वारदात पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई थी। इसी वजह से यह मामला दिल्ली की अपराध शाखा को सौंपा गया था। इन मामलों की गुत्थी सुलझाने का जिम्मा एसीपी ईश्वरी सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर अरविंद और सब इंस्पेक्टर नागेंद्र सिंह को पुलिस उपायुक्त रामगोपाल नाईक ने सौंपा था। दिल्ली अपराध शाखा के मुताबिक, इन्हें गुप्त सूचना मिली कि 25 नवंबर को गाजीपुर बस डिपो के पास इस गिरोह की महिलाएं आने वाली हैं। अपराध शाखा ने फौरन जाल बिछाकर पांच महिलाओं को दबोच लिया। इनकी दो साथी महिलाएं पहले ही पकड़ ली गई थीं। ये सभी बिहार के भागलपुर की रहने वाली हैं। इनके पास से तकरीबन एक करोड़ रुपए के आभूषण भी बरामद किए गए।
पूछताछ में इन महिलाओं ने बताया कि ये चोरी कर वापस अपने गांव लौट जाती हैं और थोड़े महीने के अंतराल पर फिर दिल्ली आकर अपना चोरी का धंधा शुरू कर देती हैं। यह सिलसिला काफी दिनों से चल रहा था, और तो और यह इतनी होशियार और चालक हैं कि चोरी के जेवरात पकड़े जाने के डर से दिल्ली में नहीं बेचती थीं। वे बिहार आकर अपने ठिकाने पहुंचकर आसपास के जौहरी की दुकानों पर बेचती थीं। इस गिरोह में पुरुष भी शामिल हैं। अपराध शाखा के अधिकारी बताते हैं कि चोरी की कई वारदातों के बाद सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया, जिसमें कई महिलाएं साड़ी साल ओढ़े प्रत्योक वारदात में एक जैसी नजर आईं। इससे यह अंदाजा लगा कि अलग-अलग वारदातों को एक ही गिरोह अंजाम दे रहा है। पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि नोएडा, राजौरी गार्डन, हौजखास, मियांवली, न्यूफ्रेंड्स कॉलोनी, ग्रेटर कैलाश जैसे पॉश इलाके के घरों में कामवाली बाई बनकर प्रवेश करती थीं। ये जहां भी काम करती थीं, वहां जोड़े में जाती थीं। इनमें से एक काम करती थी तो दूसरी आलमारी तोड़ तलाशी लेती थी। इन्हें असली नकली जेवरातों की भी परख थी। नकली गहने कहीं से गायब नहीं हुए।
इनसे पूछताछ के आधार पर सबसे पहले कलकत्ता से गुलशन यादव को अपराध शाखा की टीम ने पकड़ा। इसकी निशानदेही पर भागलपुर के कहलगांव के रवि साह को दबोचा गया। इन दोनों के बयानों और शिनाख्त के आधार पर अमित कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया गया। इन दोनों ने अमित को देखते ही पहचान लिया। अमित की दुकान में गलाकर रखा 375 ग्राम सोना भी बरामद किया गया। अपराध टीम सोने को चोरी का बता रही है। बताते हैं कि रजौरी गार्डन इलाके से रवि साह ने अपने गिरोह के साथ मिलकर जेवरातों की चोरी की थी, जिसे गुलशन को बेचा था। गुलशन ने इसे सोनार अमित को बेचा। इससे पहले हुई 9 वारदातों की गुत्थी भी सुलझा लेने का दावा अपराध शाखा की टीम ने किया है, जिसमें एक करोड़ रुपए कीमत के आभूषण बरामद किए गए हैं।