दिल्ली विधानसभा की प्रश्न एवं संदर्भ समिति ने लगाया आरोप मुख्य सचिव ले रहे झूठ का सहारा

दिल्ली विधानसभा की प्रश्न एवं संदर्भ समिति ने रविवार को एक बयान जारी कर आरोप लगाया है कि मुख्य सचिव विधानसभा समिति की कार्यवाही में भाग ना लेने के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं। समिति ने अपने बयान में मुख्य सचिव को चुनौती दी है कि वह दिल्ली हाई कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में दी गई बातों पर अड़े रहें। दिल्ली विधानसभा की प्रश्न एवं संदर्भ समिति ने कहा है कि समिति की कार्यवाही के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट में दायर अपने हलफनामे में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की ओर से झूठ बोला गया जिसे लेकर प्रश्न एवं संदर्भ समिति को आपत्ति है।

रविवार को जारी बयान में कहा गया है, ‘यह समिति अंशु प्रकाश को चुनौती देती है कि वह अपने हलफनामे में दी गई बातों पर अड़े रहें, अपने हलफनामे की सामग्री में कोई बदलाव ना करें, क्योंकि जो बातें उन्होंने अपने हलफनामे में लिखी है वो एक शपथ के तहत झूठ है। मुख्य सचिव स्पष्ट रूप से इस करोड़ों रुपए के घोटाले में शामिल लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि ऐसे ही मामले पंजाब नेशनल बैंक सहित कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हाल ही में उजागर भी हुए हैं’।

बयान में कहा गया है कि दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड में कम से कम 100 करोड़ रुपए के एक घोटाले के संबंध में एक मामला दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष के समक्ष जनवरी 2017 में आया था जिसे प्रश्न एवं संदर्भ समिति को भेजा दिया गया था क्योंकि इस संबंध में जब एक विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष इस प्रश्न को रखा था तो इसके बारे में एक असंतोषजनक उत्तर सहकारी सोसायटीज (आरसीएस) के रजिस्ट्रार द्वारा जनवरी 2017 में दिया गया था। समिति के मुताबिक वह मार्च 2017 के बाद से इस मामले की जांच कर रही है और दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई अपनी नई याचिका में दिल्ली सरकार के वर्तमान मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने तथ्यों को बिगाड़ने का प्रयास किया है। बयान में कहा गया है कि समिति के सामने गैर-उपस्थिति के लिए मुख्य सचिव को विशेषाधिकार नोटिस भेजा गया था जिसे वो कोर्ट में चुनौती दे रहे हैं।

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