दिल्ली हाई कोर्ट ने आप सरकार से पूछा कि अब तक थानों में सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं लगाए गए?

शहर के विभिन्न पुलिस थानों में कथित रूप से 100 फीसद सीसीटीवी कैमरे नहीं होने के बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार से सोमवार को पूछा कि अब तक सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं लगाए गए? कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की एक पीठ ने कहा कि सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी लगाए जाने का एक आदेश था। पीठ ने कहा कि आपने (दिल्ली सरकार) वर्ष 2012-13 से सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए हैं। हमने (हाई कोर्ट की एक अन्य पीठ) ने सीसीटीवी लगाने के आदेश दिए थे। आपके (पुलिस) खिलाफ कई आरोप हंै। सीसीटीवी कैमरे फुटेज के लिए रिकॉर्डिंग सुविधाएं भी होनी चाहिए। ऐसा करने के लिए पांच वर्ष काफी लम्बा समय है। दिल्ली सरकार के अतिरिक्त अधिवक्ता संजॉय घोष ने कहा कि ऐसा किया जायेगा।

पीठ ने हालांकि मामले को एक अन्य पीठ को भेज दिया जो पहले ही महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर एक जनहित याचिका (पीआइएल) की सुनवाई कर रही है।याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इस वर्ष शहर के पुलिस थानों के भीतर कई मौतें हो चुकी हैं और सीसीटीवी कैमरे होने से इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता था। पीआइएल की इससे पूर्व की गई सुनवाई में कोर्ट ने सभी पुलिस थानों और शहर के महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश दिये थे। पीठ ने 11 दिसंबर को पीआइएल की सुनवाई को सूचीबद्ध किया। सामाजिक कार्यकर्ता अजय गौतम ने दावा किया कि कुछ पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के बाद भी यह अप्रयुक्त है क्योंकि इनमें रिकॉर्डिंग की सुविधा नहीं है। याचिका में सीसीटीवी कैमरा सर्विलांस को रिकॉर्डिंग सुविधाओं के साथ 192 थानों और 42 चौकियों में लगाए जाने के अधिकारियों को निर्देश दिये जाने का आग्रह किया गया था।

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