दिल्‍ली-एनसीआर में पटाखों पर रोक पर बोले आमिर खान, पढ़ें उनका बयान

सर्वोच्च अदालत द्वारा दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का हवाला देते हुए दिवाली के मौके पर पटाखों पर रोक लगा दी गई है। इस फैसले का कुछ लोग समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। पीवीआर सिनेमास द्वारा डिजिटल लॉयल्टी प्रोग्राम पीवीआर के लॉन्च के मौके पर आमिर खान से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैं पहले भी ज्यादा पटाखे नहीं जलाता था, क्यूंकि मुझे पटाखों की तेज आवाज और रोशनी से डर लगता था और आज भी मेरे साथ ऐसा ही है। मैं हर साल दिवाली अपने परिवार और दोस्तों के साथ मनाता हूं। यह वह समय है, जब हम सब एक-दूसरे से मिलते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “मैं सभी को दिवाली की शुभकामनाएं देता हूं। मैं कामना करता हूं कि हम सभी के लिए दिवाली शांति व समृद्धि लाए। और मैं उम्मीद करता हूं कि आप सभी को मेरी फिल्म ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ फिल्म पसंद आएगी।”

हिंदी फिल्म उद्योग पर पिछले तीन दशकों से अपना दबदबा बनाए रखने वाले आमिर खान अपनी समकक्ष सुपरस्टार खान बिरादरी को कड़ी टक्कर देते आए हैं, बावजूद इसके उनका अंदाज बॉलीवुड के अन्य खानों से बिल्कुल जुदा रहा है। अपनी फिल्मों में रत्ती भर की कसर न छोड़ने की सोच ने ही उन्हें ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ बनाया है। सुपरस्टार आमिर खान का कहना है कि वह हमेशा उन्हीं विषयों को चुनते हैं, जो उनके दिल को छूते हैं। आमिर हाल ही में नई दिल्ली में अपनी आगामी फिल्म ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ के प्रचार के लिए पहुंचे थे।

बॉलीवुड में नित नई प्रवृत्तियों व रुझानों पर आमिर ने कहा, “ऐसा नहीं है कि मुझे नए विषयों में रुचि नहीं है या मैं उन्हें जानना नहीं चाहता हूं। लेकिन फिल्मों के चयन के दौरान मैं अपने दिल की आवाज सुनता हूं। जिस समय में मैं फिल्म का चुनाव कर रहा होता हूं, उस समय के रुझानों से मेरा फिल्मों को चुनने का दृष्टिकोण प्रभावित नहीं होता है।” उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि मैं एक ऐसा शख्स हूं जो प्रचलित रुझानों से प्रभावित होता है, क्यूंकि एक अभिनेता और फिल्म निर्माता के तौर पर मैं दिल को छू लेने वाले विषयों को रचनात्मक तरीके से पेश करने की कोशिश करता हूं।”

दुनिया भर में सराही गई ‘दंगल’ हो या ‘पीके’ और फिर ‘थ्री इडियट्स’ अलग-अलग विषयों पर अपनी सोच व सादगी को पर्दे पर पेश करने के लिए प्रसिद्ध आमिर ने फिल्मों पर अपने नजरिए के बारे में बताया, “मैं एक रचनात्मक दुनिया से जुड़ा हूं। जब विभिन्न विषय मेरे सामने आते हैं तो उनका मुझे उत्साहित करना जरूरी है। मैं अक्सर मौजूदा चलन से इतर विषयों को फिल्म निर्माण के लिए चुनता हूं।”

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