दिल्‍ली मेट्रो की सफाई- हादसा ट्रायल रन में नहीं हुआ और न ही बिना ड्राइवर के चलेगी नई ट्रेन

मैजेंटा लाइन शुरू होने से पहले ट्रायल में हुए हादसे पर दिल्ली मेट्रो की सफाई आई है। बुधवार को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के प्रवक्‍ता अनुज दयाल ने इस बारे में कहा कि यह ट्रायल रन नहीं था। यह कुछ ऐसा ही हादसा था, जैसे मानें आपके गैराज में गाड़ी आगे-पीछे करते वक्‍त हो जाता है। उन्‍होंने आगे कहा कि मामला कुछ ज्‍यादा ही सनसनीखेज हो गया। इसकी वजह शायद यह भी रही कि लोग इसे ड्राइवरलेस ट्रेन बता रहे हैं। यानी ट्रेन में ड्राइवर होगा ही नहीं। सच यह है कि ट्रेन में ड्राइवर मौजूद रहेगा। साल-दो साल तक बिना ड्राइवर के ट्रेन नहीं चलाई जाएगी। ट्रेन ऑटो मोड में चलेगी पर केबिन में ड्राइवर मौजूद रहेगा, ताकि किसी तरह की अनहोनी में वह मैनुअली ट्रेन को संभाल सके। आपको बता दें कि मंगलवार को कालिंदी कुंज के पास बड़ा हादसा हुआ था। मेट्रो ट्रेन दीवार तोड़ कर बाहर निकल आई थी। अच्छी बात यह रही कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। लेकिन ट्रेन के आगे के हिस्से और बाउंड्रीवॉल को इसमें नुकसान पहुंचा है। हादसे के दौरान मेट्रो में कोई ड्राइवर नहीं था। शुरुआत में यह हादसा तकनीकी कारणों वजह से माना जा रहा था।

25 दिसंबर को मैजेंटा लाइन की शुरुआत होने वाली है। इसी दिन पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का 93वां जन्मदिन है। पीएम नरेंद्र मोदी इस मौके पर इस रूट का उद्घाटन करेंगे। वह बॉटनिकल गार्डन मेट्रो से हरी झंडी दिखाकर इस लाइन का श्रीगणेश करेंगे। उद्घाटन समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हो सकते हैं। हादसे के बाद घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है। यह लाइन नोएडा को दक्षिणी दिल्ली से जोड़ेगी। दिल्ली मेट्रो का यह रूट कालकाजी से बॉटनिकल गार्डन तक होगा। इस लाइन के शुरू होने के बाद नोएडा और दक्षिणी दिल्ली के बीच यात्रा समय में कमी आएगी।

मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त ने पिछले महीने 12.64 किलोमीटर वाले इस सेक्शन को सुरक्षा संबंधी मंजूरी दी थी। यह मार्ग बॉटनिकल गार्डन-जनकपुरी वेस्ट (मैजेंटा) लाइन का हिस्सा है। इस सेक्शन में मेट्रो की नई आधुनिक ट्रेनें चलेंगी। वहीं, इस मार्ग पर अत्याधुनिक संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण (सीबीटीसी) सिग्नल तकनीक भी सेवा में लगाई जाएगी, जिसकी मदद से ट्रेन की आवाजाही 90-100 सेकेंड के भीतर हो सकेगी। हालांकि, शुरुआती दौर में दो-तीन साल तक ट्रेन में चालक होंगे। फिलहाल नोएडा से दक्षिणी दिल्ली के इलाकों में जाने के लिए मंडी हाउस पर मेट्रो बदलकर ब्लू लाइन से वॉयलेट लाइन पर जाना होता है।

नए सेक्शन के खुलने के बाद यात्री सीधे वॉयलेट लाइन पर स्थित कालकाजी मंदिर मेट्रो स्टेशन पहुंचेंगे। इसकी वजह से यात्रा समय में 45 मिनट की कमी आएगी। वहीं, बॉटनिकल गार्डन से जनकपुरी वेस्ट (38.23 किलोमीटर) का पूरा कॉरिडोर जब खुल जाएगा तो नोएडा के यात्री हौज खास में ट्रेन बदलकर सीधे गुडगांव जा सकेंगे। दिल्ली के बाहर पहली बार बॉटनिकल गार्डन एक ऐसा मेट्रो स्टेशन होगा, जहां पर मेट्रो की विभिन्न लाइनें आकर मिलेंगी।

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