दीवाली पर निकालें बेटिकट यात्रियों का दिवाला, रेलवे के इस फरमान से मुश्किल में टीसी-टीटीई

दिवाली और अन्य त्योहारों को देखते हुए वेस्टर्न रेलवे ने जोन से सभी टिकट चेकिंग स्टाफ को बेटिकट यात्रियों से अधिक से अधिक जुर्माना वसूली का लक्ष्य दिया है। इसके साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को भी ताकीद किया गया है कि जो भी स्टाफ लक्ष्य पूरा करने में फेल रहते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करें। रेलवे के इस फरमान से टीसी और टीटीई में आक्रोश है। उनका आरोप है कि सरकार वास्तविकता से परे लक्ष्य दे रही है जो पूरे नहीं हो सकते हैं। इस बीच वेस्टर्न रेलवे के अधिकारी ने एचटी मीडिया से कहा कि जुर्माना वसूली का टारगेट एक रूटीन एक्सरसाइज है। जब कभी ऐसा पता चलता है कि बेटिकट यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है तो रेलवे इस तरह का अभियान चलाती है।
टिकट कलेक्टर्स (टीसी) स्टाफ के संघ का आरोप है कि इस तरह के धन संग्रह के लक्ष्य को बोझ से बेवजह कर्माचरियों पर नैतिक दबाव आता है। उन लोगों ने उच्चाधिकारियों से इस मामले में सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की है। इनका कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो टीसी स्टाफ संघ विरोध दर्ज कराते हुए 18 से 23 अक्टूबर तक काली दिवाली मनाएंगे।
टिकट चेकिंग कर्मचारियों के संघ, इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ ऑर्गनाइजेशन (IRTCSO) ने पिछले हफ्ते ही मुंबई के डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) को पत्र लिखकर इस तरह के अवास्तविक लक्ष्य को सुधारने का अनुरोध किया है। साथ ही कहा है कि ऐसे लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्टाफ को नियमों के तहत कार्य करना होता है, जिससे ये लक्ष्य पूरे नहीं हो सकते।
बता दें कि इस साल अप्रैल में रेलवे ने टिकट चेकिंग स्टाफ को जो जुर्माना वसूली का लक्ष्य दिया है उसके मुताबिक मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में पीक ऑवर ड्यूटी के दौरान एक स्टाफ को बेटिकट यात्रियों से प्रतिदिन 8000 रुपये और नॉन पीक ऑवर में प्रतिदिन 6000 रुपये वसूलने होते हैं। इसके अलावा लोकल ट्रेनों में तैनात टिकट चेकिंग स्टाफ को प्रतिदिन 4000 रुपये वसूली के टारगेट दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक इस टारगेट को पूरा करने के लिए कई बार टिकट चेकिंग स्टाफ्स को एक्स्ट्रा काम करने पड़ते हैं।