‘देखो न डॉक्टर साहेब को छोड़ दिया, हमको सजा दे दिया.. गज़बे किया’, जानिए अदालत में कैसे थे लालू के हाव-भाव
चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को दोषी ठहरा दिया गया। शनिवार को फैसला सुनाए जाते वक्त लालू भी सीबीआई की विशेष अदालत में उपस्थित थे। इस घोटाले के एक अन्य आरोपी डॉ. जगन्नाथ मिश्र को कोर्ट ने आरोपमुक्त करार दे दिया था। ऐसे में लालू यादव को भी बरी होने की उम्मीद थी, लेकिन निर्णय आने पर वह और उनके बेटे तेजस्वी यादव चकित रह गए थे। वकील ने जब लालू को उनके दोषी होने के बारे में बताया तो पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘देखो उन्होंने डॉक्टर साहब (जगन्नाथ मिश्र) को मुक्त कर दिया और हमको सजा दे दिया…गजबे किया।’ औपचारिक तौर पर हिरासत में लिए जाने से पहले ये उनके आखिरी शब्द थे। इस मामले में तीन जनवरी को सजा सुनाई जाएगी।
चारा घोटाला मामले में शनिवार को रांची की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया था। लालू अपने बेटे के साथ खुद झारखंड की राजधानी पहुंचे हुए थे। शुरुआत में सुबह 11 बजे फैसला सुनाया जाना था, लेकिन सीबीआई जज शिवपाल सिंह ने इसे दोपहर बाद तक के लिए टाल दिया था। इसके बाद लालू यादव अदालत से सीधे गेस्ट हाउस लौट गए थे। इसी दौरान उनकी बड़ी बेटी और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती और उनके पति के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा एफआईआर दर्ज करने की खबर सामने आ गई। लालू इसके बारे में फोन कर जानकारी लेने के अलावा और कुछ न कर सके। दोपहर बाद तकरीबन साढ़े तीन बजे बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और जगन्नाथ मिश्र विशेष अदालत में अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।
कोर्ट ने सबसे पहले झारखंड के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पीएस. नटराजन से जुड़े मामले में फैसला सुनाते हुए उन्हें एक आदिवासी युवती का यौन शोषण करने के आरोपों से बरी कर दिया था। इसके बाद दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ 22 अभियुक्तों की बारी थी। कोर्ट द्वारा नाम लेने पर सभी ने हाथ खड़े कर अपनी उपस्थिति की पुष्टि की थी। जज ने डॉ. जगन्नाथ मिश्रा समेत छह आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। जगन्नाथ मिश्र के चेहरे की बेचैनी स्पष्ट तौर पर देखी जा सकती थी। फैसले के बारे में सुनते ही वह खुशी में तुरंत ही कोर्ट से बाहर निकल गए थे।
डॉ. जगन्नाथ मिश्र के बरी होने से लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव को उम्मीद की किरण दिखी थी। उन्हें लगा था कि अदालत उनको भी आरोपमुक्त कर देगी। शुरुआत में लालू यादव शायद कोर्ट का फैसला सही से सुन नहीं सके थे, यही वजह है कि वकील ने जब उन्हें दोषी होने की बात बताई तो वह चकित रह गए। हिरासत में लिए जाने से पहले उन्होंने कहा, ‘देखो, उन्होंने डॉक्टर साहब को मुक्त कर दिया और हमको सजा दे दी…गजबे कर दिया।’ अदालत द्वारा चारा घोटाले में फैसला आने को लेकर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए थे। वहां राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ता भी मौजूद थे।