देश की साढ़े सोलह फीसदी जनसंख्या वाले राज्य में हैं भारत के 38 फीसदी हथियारों के लाइसेंस
त्तर प्रदेश में 12.77 लाख लोगों के पास हथियार रखने का लाइसेंस है और यह राज्य बंदूकों के लाइसेंसों वाले प्रांतों की सूची में सबसे ऊपर है। दूसरे स्थान पर है आतंकवाद प्रभावित राज्य जम्मू कश्मीर, जहां 3.69 लाख लोगों के पास बंदूक रखने का लाइसेंस है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 31 दिसंबर 2016 की स्थिति के अनुसार, देश में बंदूकों के जारी लाइसेंस की संख्या 33,69,444 है। बंदूक रखने के सर्वाधिक लाइसेंस उत्तर प्रदेश में है जहां पर 12,77,914 लोग हथियार रख सकते हैं। ज्यादातर लोगों ने निजी सुरक्षा के नाम पर लाइसेंस लिए हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 19,98,12,341 है।
मंत्रालय ने बताया कि करीब तीन दशक से आतंकवाद से पीड़ित जम्मू कश्मीर में 3,69,191 लोगों के पास बंदूक के लाइसेंस हैं। इसमें प्रतिबंधित बोर और गैर प्रतिबंधित बोर, दोनों ही तरह के हथियार शामिल हैं। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, प्रांत की कुल आबादी 1,25,41,302 है। 1980 और 90 के दशक में आतंकवाद से पीड़ित रहे पंजाब में बंदूक के लाइसेंस की संख्या 3,59,349 है । इनमें से ज्यादातर लाइसेंस राज्य में आतंकवाद के दो दशकों के दौरान जारी किए गए थे। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, पंजाब की कुल आबादी 2,77,43,338 है।
इसमें बताया गया है कि इसके बाद मध्य प्रदेश में 2,47,130 और हरियाणा में 1,41,926 लोगों के पास बंदूक रखने का लाइसेंस है। अन्य राज्यों में राजस्थान में (1,33,968 लाइसेंस), कर्नाटक (1,13,631), महाराष्ट्र (84,050), बिहार (82,585), हिमाचल प्रदेश (77,069), उत्तराखंड (64,770), गुजरात (60,784) और पश्चिम बंगाल (60,525) हैं। आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में लाइसेंसशुदा बंदूकधारियों की संख्या 38,754 है जबकि नगालैंड में 36,606, अरूणाचल प्रदेश में 34,394, मणिपुर में 26,836, तमिलनाडु में 22,532 और ओडिशा में 20,588 लाइसेंस जारी किए गए हैं। मंत्रालय के मुताबिक, सबसे कम लाइसेंस केंद्र शासित प्रदेशों दमन और दीव तथा दादरा और नागर हवेली में जारी किये गये। इन प्रदेशों में केवल 125-125 लाइसेंस जारी किए गए।