देश के सभी गांवों तक पहुंची बिजली? पीएम नरेंद्र मोदी के दावे पर फिर उठे सवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अप्रैल को घोषणा की कि देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंच गई है। सरकार के अनुसार, मणिपुर के सेनापति जिले का लेइसांग गांव शनिवार शाम राष्ट्रीय बिजली ग्रिड से जुड़ने वाला अंतिम गांव बना। आंकड़ों के अनुसार, मई 2014 में मोदी के सत्ता संभालने के समय देश में 18,452 गांव बिना बिजली के थे। सरकार की दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत भारत के करीब छह लाख गांवों में बिजली पहुंचाने का काम शुरू किया गया था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 1,236 गांव बिना आबादी वाले हैं और 35 चारागाह के तौर पर आरक्षित हैं। हालांकि सरकार के इन दावों पर विभिन्‍न मीडिया रिपोर्ट्स में सवाल खड़े किए गए हैं।

चूंकि सरकार यह मानती है कि अगर किसी गांव के 10 फीसदी घरों, स्‍कूलों और सार्वजनिक स्‍थलों पर बिजली पहुंची गई, तो वह गांव इलेक्ट्रिफाइड हो गया। केंद्र के डाटा के ही अनुसार, जिन गांवों में हाल ही में बिजली पहुंची है, उनमें से सिर्फ 8 फीसदी गांवों में ही सबके पास बिजली कनेक्‍शन है। यानी अभी भी भारत के गांवों का एक बड़ा हिस्‍सा बिजली से अछूता है। इस बात को सरकार भी समझ रही है। इसलिए सरकार ने चार करोड़ ग्रामीण व शहरी परिवारों को मार्च 2019 तक प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत बिजली का कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

इंडिया टुडे ने देश के विभ‍िन्‍न इलाकों में रिपोर्टर्स भेज जमीनी हकीकत जाननी चाही तो अलग तस्‍वीर उभर कर आई। मध्‍य प्रदेश में नर्मदा किनारे बसे अलीराजपुर गांव में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। यहां मौजूद 5 गांवों में से सिर्फ एक गांव में बिजली के खंभे लगाए गए हैं। झारखंड के खरसावा जिले का सपरम गांव कागजों में तो बिजली से लैस है, मगर असलियत में यहां सिर्फ खंभे लगा दिए गए हैं, उनमें करंट अभी तक नहीं दौड़ाया गया है।

इसी रिपोर्ट में धोलपुर, राजस्‍थान के आधा दर्जन गांवों का भी जिक्र है जहां के लोगों को बिजली से होने वाली सुविधा का पता तक नहीं है। यहां के एक निवासी राजेंद्र ने इंडिया टुडे से कहा, ”सिर्फ चुनावों के समय यहां नेता आते हैं और तभी हमारी सुनते भी हैं।”

सरकारी आंकड़े भी बिजली वितरण व्‍यवस्‍था के बारे में बताते हैं। देश के 24 राज्‍यों में अभी ऐसे कई घर हैं जहां बिजली नहीं पहुंची है। इन घरों में सबसे ज्‍यादा संख्‍या उत्‍तर प्रदेश के घरों की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *