देश के सभी पांच सितारा होटलों से हट सकता है बाथटब

पांच सितारा होटलों से जल्द बाथटब गायब हो सकते हैं। सिर्फ शॉवर बाथ की सुविधा होगी। अभी तक बाथटब पांच-सितारा होटलों में अनिवार्य सुविधा है।भारत के होटलो में यह बदलाव ग्लोबल ट्रेंड को देखते हुए हो रहा है।  बाथटब हटने से जल संरक्षण भी होगा। आंकडे के मुताबिक बाथ टब में एक व्यक्ति के स्नान से करीब 370 लीटर पानी का नुकसान होता है, वहीं शॉवर बॉथ से सिर्फ 70 लीटर में काम चल जाता है। होटल कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि बाथ टब हटने से बाथरूम में काफी जगह बचेगी। इससे बाथरूम को और आधुनिक बनाया जा सकेगा।

खबरों के मुताबिक, ताज, ओबेराय,आइटीसी से लेकर फाइव-स्टार होटल के सभी बड़े ग्रुप अपने होटलों में बाथटब की सुविधा की समीक्षा कर रहे हैं। इस पहल को उन बातों से प्रेरित माना जा रहा है जिनमें अब फाइव स्टार होटलों में बाथटब होना अनिवार्य नहीं माना जा रहा है।शॉवर सुविधा का रुझान मोटे तौर पर बेंगलुरु के नोवेटेल, मुंबई के काज, विवांता आदि में देखा जा रहा है। हालांकि जयपुर के फेयरमोंट और केरला के ताज कुमारकम जैसे लग्जरी जगहों पर बाथटब की सुविधा मिलती रहेगी।

नोवोटेल, सोफिटेल और इबिस जैसे ब्रांड संचालित करने वाले एक्कोर होटल के भारत में वाइस प्रेसीडेंट शिव कश्यप ने कहा कि बाथटब को बाहर करने का निर्णय कई चीजों के मद्दनेजर लिया जा रहा है। बाथटब होटल ब्रांड और मेहमानों की रुचि पर ही उपलब्ध होंगे। भारत की होटल इंडस्ट्री में यह बदलाव ग्लोबल ट्रेंड को दर्शाता है। मैरियट और हिल्टन जैसे होटलों ने बाथटब जैसी सुविधाएं बंद कर दी हैं। ओबेराय ग्रुप के मुताबिक उसके होटलों मे दस प्रतिशत से भी कम में बाथटप का उपयोग होता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ओबेराय ग्रुप की एक प्रवक्ता ने कहा-भविष्य में हम बाथटप की उपयोगिता का नए सिरे से मूल्यांकन कर रहे हैं। अब होटलों में बाथटब खत्म कर बाथरूम को नए सिरे से डिजाइन करने की तैयारी चल रही है। होटल में मालिश, रंगीन रोशनी आदि की व्यवस्था हो रही है।

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