दो केंद्रीय मंत्रालयों ने एक ही पद पर तैनात कर दिए दो अफसर, पहले कभी नहीं हुआ ऐसा

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के पद पर दो मंत्रालयों ने दो अफसरों की नियुक्ति एक ही दिन कर दी। एक अफसर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने रखा तो एक की तैनाती सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने कर दी। इस पद पर एक ही अधिकारी रखा जाता है। द प्रिंट की खबर के मुताबिक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बुधवार को एक आदेश पारित किया कि भारतीय सूचना सेवा अधिकारी निधि पांडेय को रक्षा मंत्रालय के प्रभारी अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया जाता है। परंपरागत रूप से, यह मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता को दिया गया पद है। उसी दिन रक्षा मंत्रालय से एक आधिकारिक बयान आया, जिसमें कहा गया कि आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में भारतीय रक्षा लेखा सेवा (आईडीएएस) 1997 बैच की अधिकारी स्वर्णश्री राव राजशेखर को नामित किया गया है। पिछले कुछ हफ्तों से यह पोस्ट खाली चल रही थी। इससे पहले मट्टू जे.पी. सिंह इस पद पर थे, उन्हें ऑल इंडिया रेडियो में स्थानांतरित कर दिया गया था।

राजशेखर अपने कैडर और पिछली पोस्टिंग की वजह से कामकाज को लेकर अच्छी तरह वाकिफ हैं, वह रक्षा मंत्रालय में प्रवक्ता का पदभार संभालकर पहले ही आधिकारिक काम शुरू कर चुकी हैं। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि क्या अब भी पांडेय को रक्षा मंत्रालय की तरफ से नया काम दिया जाएगा? पांडेय इससे पहले कई और कामों के साथ प्रेस इन्फोर्मेशन ब्यूरो का मीडिया प्रमाणन का काम देख रही थी।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता की पोस्ट महत्वपूर्ण मानी जाती है। तीनों सेवाओं के पब्लिक रिलेशन अधिकारी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता को ही रिपोर्ट करते हैं। इसके अलावा, पूरे देश में फैले फोटोग्राफरों और अधिकारियों का बड़ा स्टाफ प्रवक्ता को ही रिपोर्ट करता है।

पिछले कुछ महीनों में भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों के तबादलों और तैनातियों का सिलसिला चल पड़ा है, जैसा कि सरकार दिल्ली में तैनात अधिकारियों को बाहर के कामों में लगा रही है। राजेश मलहोत्रा कई वर्षों से चुनाव आयोग का काम देख रहे थे, उन्हें वित्त मंत्रालय भेज दिया गया। इससे पहले केएस धतवालिया गृह मंत्रालय के प्रवक्ता थे, उन्हें इंफाल भेज दिया गया। रेलवे के प्रवक्ता अनुज सक्सेना को भी दिल्ली के बाहर तैनात कर दिया गया। आईआईएस अधिकारी संघ ने अक्टूबर में मंत्रालय के समक्ष इस समस्या को उठाया था। संघ ने यह भी कहा था कि जो अधिकारी रिटायरमेंट के करीब हैं उन्हें काम के लिए बाहर की पोस्टिंग न दी जाए।

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