धरती के आखिरी छोर तक”: मधुबनी से पीएम मोदी ने जानिए किसे और क्या संदेश दिया 

यह हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ है, बल्कि देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है. इस हमले में लोगों ने अपने बेटों, भाइयों और पतियों को खो दिया. मारे गए लोग भारत के विभिन्न हिस्सों से थे, चाहे बंगाल हो, कर्नाटक हो, महाराष्ट्र हो, गुजरात हो, ओडिशा हो या बिहार का लाल हो. करगिल से कन्याकुमारी तक हमारा दुख और गुस्सा समान है. मित्रों, आज मैं बिहार की धरती से पूरी दुनिया को बता देना चाहता हूं कि भारत एक-एक आतंकवादी और उनके आकाओं की पहचान करेगा, उनका पता लगाएगा और उन्हें सजा देगा.

हम धरती के आखिरी छोर तक उनका पीछा करेंगे. आतंकवाद कभी भारत का मनोबल नहीं तोड़ पाएगा. मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं, जिन्होंने ये हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी.. सजा मिलकर रहेगी. मानवता में विश्वास रखने वाले सभी लोग हमारे साथ हैं, मैं हमारे साथ इस मौके पर खड़े सभी लोगों और विभिन्न देशों के नेताओं का आभार व्यक्त करता हूं. अब आतंकियों की बची खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है. न्याय के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा. 140 करोड़ देशवासियों का दृढ़संकल्प आतंकवाद की कमर तोड़कर रहेगा.’

पीएम मोदी ने अपने भाषण की पहली लाइन में ही क्लियर कर दिया कि पहलगाम के हमले को दुनिया ये न समझे कि ये कश्मीर का मसला है. उन्होंने साफ किया ये भारत की आत्मा पर हमला है. इसे भारत-पाकिस्तान के कश्मीर विवाद से जोड़कर नहीं देखा जा सकता. ये आतंकवाद का मामला है. इसमें मरने वाले भारत के हर कोने के लोग हैं.