नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर नहीं मिली मदद, यात्री की गई जान

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सोमवार को एक यात्री देवराज त्रिपाठी की प्रतीक्षा कक्ष के शौचालय में गिरकर मौत हो गई। यात्री को लेडी हार्डिंग अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रेलवे ने मौत की वजह दिल का दौरा पड़ना बताया है। वहीं मृतक के भाई ने उन्हें देखने पहुंची डॉक्टर सहित तमाम आपात सेवाओं के लचर होने और बदइंतजामी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अगर तुरंत मदद मिल जाती तो शायद उनके भाई की जान बच जाती। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कुंडा, प्रतापगढ़ के रहने वाले देवराज त्रिपाठी दिल्ली के पंखा रोड इलाके में रहते थे। सोमवार को वे अपने भाई प्रदीप त्रिपाठी के साथ इलाहाबाद जाने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन आए थे। उन्हें जनरल कोच में जाना था इसलिए वे पहले ही स्टेशन पहुंच गए थे। प्रदीप ने बताया कि उनके भाई प्रतीक्षा कक्ष के शौचालय में गए थे, लेकिन काफी देर इतंजार के बाद भी जब वे बाहर नहीं आए तो वे शौचालय के बाहर से आवाज देने लगे। अंदर से कोई आवाज नहीं आई तो प्रदीप ने दीवार पर चढ़ कर अंदर देखा, जहां उनके भाई गिरे पड़े थे।

प्रदीप ने रेलवे के हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके व्हीलचेयर मंगाने की कोशिश की लेकिन आधे घंटे तक वह नहीं आई। कोई मदद न मिलने पर भाई को उसी हालत में छोड़ कर वे स्टेशन अधीक्षक के कमरे में गए। प्रदीप ने बताया कि रेलवे की एंबुलेंस आने और भाई को अस्पताल पहुंचाने में काफी वक्त लग गया, जिससे उनकी जान नहीं बच सकी। वहीं उत्तर रेलवे के मुख्य प्रवक्ता नीरज शर्मा का कहना है कि यात्री की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। उन्होंने दावा किया कि मदद में कोई देरी नहीं हुई। यात्री के गिरने की घटना 3:45 बजे हुई और आठ मिनट के अंदर एंबुलेंस आ गई थी। रेलवे स्टेशन पर आपात सेवाओं की कमी का वाकया नया नहीं है। कुछ साल पहले निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर एक यात्री के टेÑन व प्लेटफार्म के बीच फंसने पर उसका पैर काट कर उसे निकालना पड़ा था, तब रेलवे ने आदेश जारी किया था कि सभी स्टेशनों के प्रमुख स्थानों पर आपात सेवाओं की सूचनाएं लिखी होनी चाहिए।

 

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