नए पचड़े में फंसे अरविंद केजरीवाल, ‘गैर हाजिरी’ पर हाई कोर्ट पहुंचा AAP का बागी विधायक
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार (11 जून) को विधायक कपिल मिश्रा की याचिका स्वीकार कर ली। मिश्रा ने दावा किया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की विधानसभा में 10 प्रतिशत से भी कम उपस्थिति रही है। एएनआई से बातचीत में मिश्रा ने कहा कि सीएम ने ‘पूर्ण राज्य और सीलिंग ड्राइव मुद्दे’ के लिए विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा नहीं लिया। अदालत मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करेगी। मिश्रा ने पत्रकारों से कहा, ”विधानसभा में मुख्यमंत्री की उपस्थिति 10 फीसदी से भी कम है और वह पूर्ण राज्य और सीलिंग को लेकर विशेष सत्रों में शामिल नहीं हुए। वह सिर्फ दो घंटों के लिए पहुंचे। यह दिल्ली की जनता द्वारा दिए गए मतों का अपमान है। अगर वह विधानसभा में उपस्थित नहीं हो रहे तो उनका वेतन काटा जाना चाहिए।”
मिश्रा ने अदालत से गुहार लगाई है कि वह सीएम को निर्देश दे कि वे विधानसभा सत्र में हिस्सा लें। मिश्रा की याचिका के अनुसार, अदालत को उप-राज्यपाल और विधानसभा के स्पीकर को भी निर्देश देना चाहिए कि वह सुनिश्चित करें कि सीएम सत्र में हिस्सा ले रहे हैं।
मिश्रा द्वारा यह याचिका दायर करने के कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने उनसे भाजपा के ‘सम्पर्क फॉर समर्थन’ कार्यक्रम के तहत मुलाकात की थी। बैठक के बाद गोयल ने कहा था कि ”भारतीय जनता पार्टी के दरवाजे किसी के लिए भी खुले हैं जो लोगों के लिए काम करना चाहते हैं। अब यह कपिल मिश्रा तय करें कि वह भाजपा का समर्थन करना चाहते हैं या नहीं।” गोयल ने आगे कहा था, ”मैं उन्हें (कपिल) AAP नेता बनने से पहले से जानता हूं। तब से, मैंने देखा कि वह एक अच्छे व्यक्ति हैं, सही के लिए लड़ने से डरते नहीं।”
मुख्यमंत्री आवास पर 10 जून को आम आदमी पार्टी के विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि पार्टी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की अपनी मांग के लिए जनसमर्थन जुटाने के मकसद से 17 से 24 जून के बीच सभी वार्डो में 300 सभाएं करेगी।