नए भारत का सपना पूरा करने वाला बजट : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018-19 के आम बजट को विकास अनुकूल बताया है। उन्होंने कहा कि यह बजट न्यू इंडिया के उनके विजन को मजबूत करेगा। मोदी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली और उनकी टीम को बधाई भी दी और कहा कि बजट से किसानों, दलितों और आदिवासी समुदायों को लाभ मिलेगा। यह ग्रामीण भारत के लिए नए अवसर उत्पन्न करेगा। मोदी ने कहा कि बजट किसानों, आम नागरिकों और कारोबारी माहौल सभी के अनुकूल है। यह जीवन यापन को सुगम बनाएगा और कारोबार करने में भी सुगमता लाएगा। सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के मामले में उनकी खस्ताहालत और फंसे कर्ज से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए भी जल्द ठोस कदमों की घोषणा करेगी। मोदी ने ट्विटर पर कहा कि देश में अलग-अलग जिलों में पैदा होने वाले कृषि उत्पादों के लिए स्टोरेज, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग के लिए योजना विकसित करने का कदम अत्यंत सराहनीय है। इसी तरह गोबर-धन योजना भी गांवों को स्वच्छ रखने के साथ-साथ किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत अब गांवों को ग्रामीण हाट, उच्च शिक्षा केंद्र और अस्पतालों से जोड़ने का काम भी किया जाएगा। इस वजह से गांव के लोगों का जीवन और आसान होगा। मोदी ने कहा, हमने जीवनयापन में सुगमता की भावना का विस्तार उज्ज्वला योजना में भी देखा है।
मोदी ने कहा कि हमेशा से गरीबों के जीवन की एक बड़ी चिंता रही है बीमारी का इलाज। बजट में प्रस्तुत की गई नई योजना आयुष्मान भारत गरीबों को इस बड़ी चिंता से मुक्त करेगी। योजना का लाभ देश के लगभग 10 करोड़ गरीबों और निम्न मध्यम वर्ग के परिवारों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि देशभर में 24 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से लोगों के इलाज की सुविधा तो बढ़ेगी ही, युवाओं को मेडिकल की पढ़ाई में भी आसानी होगी। हमारा प्रयास है कि देश में हर तीन संसदीय क्षेत्रों में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज अवश्य हो। बजट में वरिष्ठ नागरिकों की अनेक चिंताओं को भी ध्यान में रखते हुए कई फैसले लिए गए हैं। प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत अब वरिष्ठ नागरिक 15 लाख रुपए तक की राशि पर कम से कम आठ फीसद का ब्याज प्राप्त करेंगे। बैंकों और डाकघरों में जमा किए गए उनके धन पर 50 हजार तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। स्वास्थ्य बीमा के 50 हजार रुपए तक के प्रीमियम पर आयकर से छूट मिलेगी।
मोदी ने कहा कि लंबे अरसे से हमारे देश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग यानी एमएसएमई को बड़े-बड़े उद्योगों से भी ज्यादा दर पर टैक्स देना पड़ता रहा है। इस बजट में सरकार ने एक साहसिक कदम उठाते हुए सभी एमएसएमई के टैक्स रेट में पांच फीसद की कटौती कर दी है। यानी अब इन्हें 30 फीसद की जगह 25 फीसद का ही टैक्स देना पड़ेगा। रोजगार को प्रोत्साहन देने के लिए और कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा देने की दिशा में सरकार ने दूरगामी सकारात्मक निर्णय लिया है। सरकार नए श्रमिकों के कर्मचारी भविष्यनिधि (ईपीएफ) खातों में तीन साल तक 12 फीसद का योगदान खुद करेगी। मोदी ने कहा कि रेल-मेट्रो, हाईवे-आईवे, पोर्ट- एयर पोर्ट, पावर ग्रिड-गैस ग्रिड, भारतमाला- सागरमाला, डिजिटल इंडिया से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर बजट में काफी बल दिया गया है। इनके लिए लगभग छह लाख करोड़ रुपए की राशि का आबंटन किया गया है। जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग एक लाख करोड़ रुपए ज्यादा है। इन योजनाओं से देश में रोजगार की अपार संभावनाएं बनेंगी।